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अंबेडकर संस्थान ‘भगवान भरोसे’, न प्रधानाचार्य न कर्मचारी

उपमहापौर ने साधा निशाना, जिला अधिकारी ने दिलाया भरोसा
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मोहाली के अंबेडकर इंस्टिट्यूट का हाल दिखाते डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी। -निस
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पंजाब सरकार के सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग के अधीन मोहाली स्थित अंबेडकर करियर तथा पाठ्यक्रम संस्थान कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है।

करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित यह संस्थान, जहाँ विद्यार्थियों को लोक सेवा आयोग और बैंकों की परीक्षाओं की तैयारी करवाने का उद्देश्य था, अब बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।

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संस्थान में न तो स्थायी प्रधानाचार्य है और न ही शिक्षक। चौकीदार, माली, परिचारक, सफाईकर्मी जैसी नियुक्तियां भी रिक्त पड़ी हैं। यहां तक कि छात्रावास में छात्राओं की देखरेख हेतु महिला अधीक्षक भी नियुक्त नहीं की गई, और कार्य अस्थायी पुरुष अधीक्षक के सहारे चल रहा है।

पिछले तीन वर्षों से पढ़ाई केवल अतिथि अध्यापकों के भरोसे चल रही है, जिन्हें प्रति घंटा 1500 रुपये मानदेय दिया जाता है। विद्यार्थियों को तीन से पांच हज़ार रुपये तक छात्रवृत्ति दी जाती है। प्रशिक्षक राकेश कुमार ने बताया कि 29 जुलाई, 2024 को छः चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था, किन्तु अब तक उत्तर नहीं मिला।

इसके अतिरिक्त 21 पदों के लिए भी पत्राचार किया गया है। विद्यार्थी गुरिंदर सिंह और रविदास सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था ठीक है, परंतु कर्मचारियों की कमी बहुत बड़ी समस्या है।

बरसात के दिनों में परिसर में घुटनों तक घास और जंगली बूटी हो जाती है। यहां खटारा गाड़ियां भी खड़ी हैं। हाल ही में मोहाली नगर निगम के उपमहापौर कुलजीत सिंह बेदी ने संस्थान का दौरा कर सरकार की आलोचना की थी।

जिला कल्याण अधिकारी आशीष कथूरिया, जो वर्तमान में प्रधानाचार्य का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे हैं, ने कहा कि वित्त विभाग से आपत्तियां दूर हो चुकी हैं और एक-दो माह में नियुक्तियां पूरी हो जायेंगी। सफाई और खटारा गाड़ियों को हटाने की प्रक्रिया भी आरम्भ कर दी गई है।

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