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अमरजीत नौरा ग्रुप ने जारी किया घोषणा-पत्र

पूटा चुनाव 3 सितंबर को

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चंडीगढ़, 28 अगस्त (ट्रिन्यू)

पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) चुनाव को लेकर अमरजीत नौरा-मृत्युंजय पैनल ने आज अपना घोषणा-पत्र जारी कर दिया। प्रो. अमरजीत नौरा ने फैकल्टी के एरियर के जल्द भुगतान को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है।

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साथ ही करिअर एडवांस्टमेंड स्कीम (कैस) के मामले में पदोन्नति के मामलों में तेजी लाने, डेंटल फैकल्टी प्रमोशन, पीएचडी इनक्रीमेंट बहाल कराना, बोर्ड आफ फाइनांस से पास्ट सर्विस अप्रूवल कराना, सेंट्रल अलाउंस/सेंट्रल पे स्केल, गवर्निंग स्ट्रक्चर में लोकतंत्रात्मकता बहाल रखना, सभी के लिये ओपीएस लागू कराना, डीन रिसर्च और डीयूआई के ओहदे पर सीनियर प्रोफेसर की नियुक्ति के लिये दबाव बनाना, कैंपस में ट्रैफिक रेगुलेशन और सुरक्षा पर फोकस करेंगे। पूटा प्रधान अमरजीत ने बताया कि उनकी ओर से उठाये गये कुछ मुद्दे अभी प्रोसेस में हैं जिनमें सातवें वेतन आयोग के एरियर की 175 करोड़ की राशि शामिल है। डॉ. मृत्युंजय कुमार ने बताया कि अब बढ़े डीए के साथ इसमें बढ़ोतरी की मांग की जायेगी। गेस्ट हाउस में बुकिंग आनलाइन किया जाना, कंस्ट्रक्शन विभाग के लिये आनलाइन सिस्टम लागू कराना, बैलेंस अर्जित अवकाश का पीरियोडिक ऑडिट कराना, कैस के मामले, मेडिकल के लिये प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस सुविधा, दो टीचर्स फ्लैट को एक में मर्ज करना आदि अभी प्रोसेस में हैं। नौरा टीम ने पिछले सात की उपलब्धियों को भी गिनाया जिनमें पीएचडी इन्क्रीमेंट दिया जाना, अर्जित अवकाश 300 दिन कराना, 25 साल की सेवा पर फुल पेंशन, सीसीएल यानी चाइल्ड केयर लीव, मनमर्जी से विभागों का एकीकरण रोकना, 60 साल के बाद पीएफ का डिस्बर्सल, कोविड-19 में मेडिकल सेवा, आनलाइन कक्षाएं लगाना, सेक्टर-25 में ओपन एयर जिम लगाना, टी-1 फ्लैट का काम पूरा कराना और अलाट कराना, प्रॉपर्टी रिटर्न जैसा फैसला वापस कराना आदि प्रमुख तौर पर शामिल हैं। उनकी टीम से प्रधान के लिये अमरजीत नौरा, सचिव मृत्युंजय कुमार, उपप्रधान सिमरन कौर, संयुक्त सचिव सुरिंदर पाल सिंह और कोषाध्यक्ष दीपक कुमार के नाम शामिल हैं।

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अशोक-कुलविंदर गुट इस बार दे रहा चुनौती

अमरजीत नौरा के खिलाफ अशोक-कुलविंदर गुट इस बार चुनौती दे रहा है। एक तो कुलपति समर्थक होने का लाभ अशोक गुट को मिल सकता है और दूसरा इस बार फैकल्टी के भीतर एक तबका प्रो. केशव मल्होत्रा के वर्चस्व को खत्म करने पर तुला हुआ है। इस तबके के लिये अशोक के समर्थन में आ जाने से नौरा ग्रुप को बड़ा झटका भी लग सकता है। हालांकि अभी तक पूटा चुनाव में कोई चमत्कारिक बदलाव के आसार दिखायी नहीं पड़ रहे हैं।

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