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Chandigarh News : राष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप, स्वतंत्र कॉलेज और विभाग की मांग को लेकर फिजियोथेरेपिस्टों में गहरी नाराज़गी

PGI Chandigarh में फिजियोथेरेपी को नहीं मिल रही समुचित पहचान, IAP ने प्रधानमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन
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Chandigarh News : देशभर के फिजियोथेरेपिस्टों की प्रतिनिधि संस्था इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स (IAP) ने चंडीगढ़ स्थित प्रतिष्ठित पीजीआईएमईआर में फिजियोथेरेपी सेवाओं की उपेक्षा और नियमों के उल्लंघन को लेकर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है। संस्था ने निदेशक PGIMER को ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि संस्थान में फिजियोथेरेपी शिक्षा और सेवाओं का संचालन राष्ट्रीय एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन्स आयोग (NCAHP) अधिनियम 2021 और UGC की टीचिंग कैडर अधिसूचना 2010 के प्रावधानों के खिलाफ किया जा रहा है।

IAP ने इस मसले को राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक और व्यावसायिक चिंता बताते हुए इसे फिजियोथेरेपी प्रोफेशन की गरिमा और स्वायत्तता पर सीधा प्रहार करार दिया है। संस्था ने ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा, और NCAHP के चेयरमैन को भी भेजी है।

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ज्ञापन में उठाए गए चार प्रमुख मुद्दे:

1. स्वतंत्र फिजियोथेरेपी कॉलेज/स्कूल का अभाव:

NCAHP एक्ट 2021 के अनुसार हर मेडिकल संस्थान में फिजियोथेरेपी के लिए स्वतंत्र कॉलेज या स्कूल की स्थापना अनिवार्य है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और पेशे की स्वायत्तता सुनिश्चित हो सके।

2. स्वतंत्र विभाग की गैर-मान्यता:

PGIMER में फिजियोथेरेपी को स्वतंत्र विभाग का दर्जा नहीं दिया गया है, जिससे अकादमिक प्रशासन, शोध और पेशेवर विकास प्रभावित हो रहा है।

3. नीतिगत निर्णयों में प्रतिनिधित्व नहीं:

IAP ने आपत्ति जताई कि संस्थान में फिजियोथेरेपी से जुड़े निर्णयों में विभागीय प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जाता, जो संस्थागत लोकतंत्र और समानता के सिद्धांत के खिलाफ है।

4. पेशे की गरिमा को नुकसान

ज्ञापन में चिंता जताई गई है कि अगर यह उपेक्षा जारी रही, तो इससे न केवल प्रोफेशनल पहचान कमजोर होगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर फिजियोथेरेपी सेवाओं की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

IAP के अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजीव कुमार झा ने कहा कि “PGIMER जैसे अग्रणी संस्थान द्वारा अगर राष्ट्रीय कानूनों और शैक्षणिक मानकों की अनदेखी की जाती है, तो यह पूरे देश के लिए अनुचित मिसाल बन सकता है।” उन्होंने आग्रह किया कि PGIMER प्रशासन इस विषय को गंभीरता से लेकर शीघ्र निर्णयात्मक कदम उठाए।

संवाद को तैयार, लेकिन परिणाम की प्रतीक्षा:

IAP ने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस विषय पर संस्थान के साथ रचनात्मक संवाद को तैयार हैं, लेकिन उचित जवाब और सुधारात्मक कार्रवाई की समयबद्ध अपेक्षा रखते हैं।

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