55 की उम्र, जीभ पर कैंसर, फिर आया ‘रोबोट’ और हो गया चमत्कार !
धर्मशाला, 24 फरवरी (निस)
55 साल की एक महिला जब फोर्टिस मोहाली अस्पताल पहुंचीं, तो उनके लिए खाना तक निगलना मुश्किल हो रहा था। जीभ के बाएं हिस्से में एक अजीब घाव था, जो भर ही नहीं रहा था। टेस्ट हुए और स्टेज-2 जीभ कैंसर की पुष्टि हुई। नाम सुनते ही उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं—क्या अब खाना कभी ठीक से खा पाऊंगी? क्या मेरी आवाज बदल जाएगी? और सबसे अहम—क्या ऑपरेशन के बाद गर्दन पर बड़ा सा निशान रह जाएगा?
डॉक्टरों ने उन्हें भरोसा दिया—सर्जरी होगी, लेकिन बिना गर्दन पर किसी बड़े चीरे के! फोर्टिस अस्पताल के हेड एंड नेक ऑन्को-सर्जन डॉ. कुलदीप ठाकुर और उनकी टीम ने दुनिया की सबसे आधुनिक ‘दा विंची एक्स आई’ रोबोटिक तकनीक की मदद से महिला की जीभ का ट्यूमर सिर्फ तीन घंटे में हटा दिया।
न कैंची चली, न ज्यादा खून बहा
जहां पारंपरिक सर्जरी में मरीज को 7 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है, वहीं इस ऑपरेशन में खून सिर्फ 20 मिलीलीटर (यानि एक छोटी चम्मच जितना) ही बहा और मरीज दो दिन में ही घर लौट गईं!
डॉ. कुलदीप ठाकुर ने बताया कि मरीज चाहती थीं कि उनकी गर्दन पर कोई चीरा न लगे और वे जल्द ठीक हो जाएं। रोबोटिक सर्जरी से हमने सिर्फ 1 सेमी के चार छोटे चीरे छाती की दीवार पर लगाए, जिससे गर्दन पर कोई निशान नहीं पड़ा।
कैसे काम करता है ‘दा विंची’ रोबोट?
यह रोबोट एक 3D कैमरे से लैस है, जो अंदर की बारीकी से जांच करता है। इसका 360-डिग्री घूमने वाला रोबोटिक आर्म उन जगहों तक पहुंच सकता है, जहां आम डॉक्टर का हाथ नहीं पहुंच पाता। सर्जरी के बाद हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में ट्यूमर के पूरी तरह हटने की पुष्टि हो गई। आज वह महिला पूरी तरह स्वस्थ हैं, अच्छा खा-पी रही हैं और सामान्य जीवन जी रही हैं। डॉ. ठाकुर, जिन्होंने एम्स, नई दिल्ली से ट्रेनिंग ली है और 1200 से अधिक सर्जरी कर चुके हैं, कहते हैं कि भविष्य रोबोट का है! इस तकनीक ने ऑपरेशन का डर, दर्द और लंबी रिकवरी को अतीत की बात बना दिया है।