पिंजौर, 24 मार्च (निस)
पिंजौर ब्लॉक की गणेशपुर भोरियां पंचायत के विगत 2 नवंबर 2022 को संपन्न हुए पंचायत चुनावों में सरपंच निर्वाचित हुई चंपा देवी की शैक्षणिक योग्यता को फर्जी बताते हुए दूसरी उम्मीदवार अंजू बाला ने सिविल कोर्ट कालका में दीपांशु बंसल एडवोकेट की मार्फत चुनाव याचिक 29 नवंबर 2022 को दायर की थी । सोमवार को डॉ. जितेंद्र कुमार सिविल जज की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए निर्वाचित हुई सरपंच चंपा देवी का चुनाव रद्द कर दिया। चुनाव आयोग को नए सिरे से चुनाव करवाने के लिए निर्देशित किया है।
दरअसल महिला आरक्षित सरपंच सीट पर चुनाव लड़ने के लिए 8वीं पास होना जरूरी है परंतु चुनाव के समय चंपा देवी ने एक 10 वीं का सर्टिफिकेट ग्रामीण मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान का लगाया था जिसे अंजू बाला ने फर्जी बताया था। वकील दीपांशु बंसल ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि चंपा देवी ने 1992 में 8वीं की परीक्षा मांधना मोरनी स्कूल से दी थी जिसमें वह 2 सब्जेक्ट्स में फेल थी । जबकि उन्होंने कभी 8वीं पास ही नहीं की। इसके साथ ही गवाही के तहत उक्त 10वीं का सर्टिफिकेट भी फर्जी पाया गया।
उन्होंने बताया कि कोर्ट ने सभी गवाहों और दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद फैसला सुनाया कि हरियाणा पंचायती राज एक्ट के अनुसार चंपा देवी नामांकन दाखिल करने और चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है। अदालत ने राज्य चुनाव आयोग, प्रदेश सरकार, उपायुक्त को नए चुनाव करवाने के लिए निर्देशित किया है। अंजू बाला के पति पूर्व सरपंच नरेश पतन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि वह शुरू से ही न्याय की मांग कर रहे थे।