भारी विरोध के बाद निगम ने टाला धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलाने का फैसला
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 20 मई (हप्र)
शहर में नगर निगम की जमीन पर बने 45 अवैध धार्मिक स्थलों पर बुधवार से चलने वाले बुलडोजर की कार्रवाई को भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया है। निगम की ओर से 21 अवैध धार्मिक स्थलों की पहली सूची जारी की गई थी। परंतु भारी विरोध के बाद नगर निगम ने कार्रवाई को टाल दिया। नगर निगम ने पहली सूची जारी करने के बाद एक और सूची जारी की थी। इसमें 24 अवैध धार्मिक स्थल शामिल थे। इन स्थलों पर भी बुधवार से ही नगर निगम का बुलडोजर चलना था और 6 अगस्त तक यह अभियान चलना था। ऐसे में नगर निगम ने कुल 45 अवैध धार्मिक स्थलों को आने वाले दिनों में तोड़ना था। अब फिलहाल इसे टाल दिया गया है। सरकारी जमीन पर बने अवैध धार्मिक ढांचों के खिलाफ यूटी प्रशासन ने सख्ती की तैयारी कर ली थी। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने पिछले सप्ताह ही विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर कार्रवाई की समीक्षा की थी और 15 दिन के अंदर सभी विभागों से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी थी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि खाली कराई गई जमीन की तत्काल घेराबंदी कर अतिक्रमण रोका जाए।
निगम की जमीन पर 118 अवैध धार्मिक ढांचे हैं, जिनमें से अब तक 24 हटाए जा चुके हैं। उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कानूनी रोक नहीं होने वाले मामलों में जल्द कार्रवाई की जाए। इंजीनियरिंग विभाग के अधिकार क्षेत्र में 58 अवैध धार्मिक ढांचे हैं, जिनमें से 11 हटाए जा चुके हैं। वन भूमि पर तीन अवैध धार्मिक ढांचे हैं, जिनमें से अब तक कोई भी नहीं हटाया गया है। अब तक 16 अवैध धार्मिक ढांचे अधिग्रहीत जमीन पर पाए गए हैं। इनमें से तीन मामलों में अधिग्रहण अधिसूचनाएं कोर्ट द्वारा रद्द की जा चुकी हैं और दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई हैं। बैठक में उपायुक्त ने कहा था कि न्यायालयों के निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की लापरवाही, देरी या अनदेखी को गंभीरता से लिया जाएगा और जिम्मेदारी तय की जाएगी।
इससे पूर्व कहा गया था कि शहर में विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे बने मंदिरों और एक मस्जिद को बुधवार से अभियान चला कर हटाया जाएगा। चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष दीपा दुबे ने कहा व अन्य नेताओं ने कहा था कि शहर के मंदिरों पर कार्रवाई भाजपा का दोहरा चेहरा दर्शाती है। खुद को हिंदुओं की हितैषी कहने वाली भाजपा की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। दीपा दुबे ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से भी अपील की थी कि शहर में जितने भी मंदिर हैं या फिर अन्य धार्मिक स्थल, उनको न तोड़ा जाए।