नगर संवाददाता
चंडीगढ़/पंचकूला, 17 मई
जानलेवा कोरोना वायरस के प्रभावित इलाकों में असर को कम करने के लिए चंडीगढ़ में आज से प्रशासन ने लाॅकडाउन को एक सप्ताह और बढ़ा दिया है, जो आगे 25 मई की सुबह 5 बजे तक तक जारी रहेगा। सोमवार को प्रशासक की अध्यक्षता में हुई वार रूम की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रशासक वीपी सिंह बदनोर ने जहां वीकेंड कर्फ्यू और लाॅकडाउन को और प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए वहीं, लाॅकडाउन में व्यापारियों को हो रहे नुकसान पर मंथन करने का आश्वासन दिया है। प्रशासक ने कहा कि गैर जरूरी सामान की बिक्री के संबंध में लगाई गइ पाबंदियों के संबंध में शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि उपायुक्त शहर के विभिन्न व्यापारियों, मार्किट संगठनों और औद्योगिक संगठनों के साथ मिल कर लाॅकडाउन में लगाए प्रतिबंधों की वजह से हुए नुकसान के बारे में जायजा लेंगे ताकि व्यापारियों को आने वाले समय में कुछ राहत मिल सके।
कोरोनाकाल के गंभीर हालत को देखते हुए प्रशासक ने शहर के मकान मालिकों से अपने किरायदारों को राहत देने के लिए किराया कम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन की वजह से कई लोग अपना रोजगार खो चुके हैं वहीं वे लोग इन हालात में शहर को छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।
अस्पतालों की मनमानी पर नजर
प्रशासक ने शहर के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोविड पेशेंटों से ओवर चार्ज करने संबंधी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। प्रशासक ने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए कि कोविड के इलाज के लिए अप्रूवड रेट के संबंध में फिर से अधिसूचना जारी करें। मीडिया के साथ इस अधिसूचना को अस्पतालों द्वारा नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने निर्देश जारी किए जाएं। प्रशासक ने शहर के चिकित्सा संस्थानों द्वारा आक्सीजन को लेकर किए जा रहे आडिट पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की है। उन्होंने इस दौरान जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 मे लगे आक्सीजन प्लांट की समय समय पर जांच करने बारे कहा ताकि आक्सीजन की जरूरत से अधिक खतप ना हो और हनहोनी को टाला जा सके।
रोजाना वेक्सीन की 2000 डोज
प्रशासक ने स्वास्थ्य विभाग को रोजाना 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के उन 2000 लाभार्थियों में यह डोज देने की बात कही है जिन्होंने कोविन पोर्टल पर खुद की रजिस्टेशन कराई है। प्रशासक ने शहर में निस्वार्थ भाव से स्थापित किए जा रहे कोविड सेंटरों की स्थापना के लिए सेना समेत शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने शहर की और सामाजिक संस्थाओं को इन हालात में आगे आकर मदद करने की अपील की ताकि सरकारी अस्पतालों पर बढ़ रहे बोझ को कम किया जा सके और मरीजों को इलाज मिलने में देरी न हो।