पीजीआई में जल्द लॉन्च होगा स्मार्ट एप, मरीजों की राह होगी आसान
डिजिटलाइजेशन की दिशा में बड़ा कदम : इलाज प्रक्रिया समझने से लेकर काउंटर तक पहुंचने में करेगा मदद
82 नए फैकल्टी मेंबर्स की नियुक्ति पूरी
सर्जरी में 30-40% की बढ़ोतरी
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 17 जून
देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में शुमार पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ अब तकनीकी नवाचारों की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। संस्थान जल्द ही एक स्मार्ट मोबाइल एप लॉन्च करेगा, जो मरीजों को अस्पताल परिसर में नेविगेशन, इलाज से जुड़ी प्रक्रिया समझने और सही काउंटर तक पहुंचने में मदद करेगा। मंगलवार को निदेशक प्रो. विवेक लाल ने पीजीआई के डिजिटलाइजेशन, आधारभूत संरचना के विस्तार और सामाजिक पहलुओं से जुड़ी कई योजनाओं की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि सी-डैक नोएडा के सहयोग से तैयार किया गया यह स्मार्ट एप वर्ष के अंत तक लॉन्च किया जाएगा। इसमें रीयल-टाइम इनडोर मैपिंग, क्यूआर कोड आधारित मरीज पहचान प्रणाली और भीड़ प्रबंधन जैसी उन्नत सुविधाएं होंगी, जो मरीजों की अस्पताल यात्रा को अधिक सहज और सुलभ बनाएंगी।
संस्थान की अस्पताल सूचना प्रणाली (एचआईएस) को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है। अब दवा की मांग, आपूर्ति और बिलिंग सहित सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन हो गई हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और मरीजों का समय भी बच रहा है।
300 पूर्व सैनिक संभालेंगे सुरक्षा व्यवस्था
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अगले चार से पांच महीनों में 300 पूर्व सैनिकों की नियुक्ति की जाएगी। वहीं, 82 नए फैकल्टी सदस्यों की भर्ती डीओपीटी के दिशा-निर्देशों और ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत पूरी की जा चुकी है।
ऑपरेशन थिएटर में 12 घंटे की शिफ्ट प्रणाली लागू किए जाने के बाद सर्जरी की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। एडवांस्ड न्यूरोसाइंसेज सेंटर की ओपीडी भी आगामी तीन महीनों में शुरू हो जाएगी।
987 करोड़ रुपये की सांरगपुर परियोजना
केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 987 करोड़ रुपये की लागत वाली सांरगपुर परियोजना के तहत 100 सीटों वाला नया मेडिकल कॉलेज, हर दिन 16,000 मरीजों की क्षमता वाली ओपीडी, 200-बेड का इमरजेंसी ब्लॉक, डॉक्टर्स कैफेटेरिया और ऑल-वेदर स्विमिंग पूल जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
‘प्रोजेक्ट सारथी’ का राष्ट्रीय विस्तार
छात्र-नेतृत्व में संचालित ‘प्रोजेक्ट सारथी’, जो वर्तमान में पीजीआई और देश के 34 राज्यों में 6,400 एनएसएस स्वयंसेवकों के सहयोग से चल रहा है, अब मायभारत पोर्टल के तहत देश के 1,467 अस्पतालों में लागू किया जाएगा।
सस्ती दवाएं, नई फार्मेसी सुविधा
संस्थान में संचालित 9 अमृत स्टोर अब कुल दवा बिक्री का 85 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं। जल्द ही आपातकालीन ब्लॉक के पास एक और नया अमृत स्टोर खोला जाएगा, ताकि आयुष्मान भारत और पीएमजेएवाई लाभार्थियों को सस्ती दवाएं निर्बाध रूप से मिलती रहें।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ टीम को विशेष सम्मान
जम्मू-कश्मीर में मानवीय संकट के दौरान सेवा देने वाली ‘ऑपरेशन सिंदूर’ टीम—जिसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और ट्रांसपोर्ट स्टाफ शामिल थे—को उनके असाधारण साहस और सेवा भावना के लिए सम्मानित किया गया। निदेशक प्रो. लाल ने इसे 'कर्तव्य से आगे बढ़कर सेवा' का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, 'हमारी हर पहल—तकनीकी, सामाजिक या संरचनात्मक—इस एक लक्ष्य पर केंद्रित है कि मरीजों की पीड़ा कम हो, उन्हें बेहतर और समान स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और संस्थान भविष्य की जरूरतों के लिए पूरी तरह तैयार रहे'। इस मौके पर डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) पंकज राय, डीन अकेडमिक प्रो. आर.के.राठो व चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल भी मौजूद थे।