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बाल तस्करी का जाल तोड़ने के िलए मुहिम चंडीगढ़ में बनी साझा रणनीति बनी

बाल तस्करी के खौफनाक जाल को तोड़ने के लिए चंडीगढ़ में पुलिस, सामाजिक संगठनों और सरकारी विभागों ने मिलकर साझा रणनीति बनाई। वूमेन सेल, सेक्टर-17 में हुई इस स्टेकहोल्डर मीटिंग में ज़िला युवा विकास संगठन की अगुवाई में ‘जस्ट राइट...
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चंडीगढ़ में आयोजित बैठक के दौरान पुलिस और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि। -हप्र
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बाल तस्करी के खौफनाक जाल को तोड़ने के लिए चंडीगढ़ में पुलिस, सामाजिक संगठनों और सरकारी विभागों ने मिलकर साझा रणनीति बनाई। वूमेन सेल, सेक्टर-17 में हुई इस स्टेकहोल्डर मीटिंग में ज़िला युवा विकास संगठन की अगुवाई में ‘जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन’, पुलिस के एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट), महिला सैल व अन्य संस्थाओं ने भाग लिया।

डीएसपी जसविंदर कौर और एएचटीयू प्रभारी आशा शर्मा की मौजूदगी में बाल तस्करी के खिलाफ ठोस कार्रवाई और समन्वय पर ज़ोर दिया गया। संगठन के अध्यक्ष परमजीत सिंह बड़ौला ने बताया कि जुलाई में रेलवे स्टेशनों पर विशेष अभियान चलाया गया और तस्करी की आशंका वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित किया गया।

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बैठक में शीतल और नगमा ने बताया कि भारत में हर घंटे 10 बच्चे तस्करी का शिकार होते हैं। यह केवल आंकड़े नहीं, बल्कि सामाजिक आपातकाल की दस्तक है। सभी विभागों ने संकल्प लिया कि अब कार्रवाई, पुनर्वास और जन-जागरूकता में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। बाल तस्करी अब व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक जवाबदेही का विषय है।

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