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डेराबस्सी के पास समगोली में बन सकता है डंपिंग ग्राउंड

मोहाली में कूड़े की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। शहर के कई इलाकों में गंदगी और बदबू ने निवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है। फेज 8-बी का पुराना डंपिंग ग्राउंड हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों के बाद...
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मोहाली में कूड़े की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। शहर के कई इलाकों में गंदगी और बदबू ने निवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है। फेज 8-बी का पुराना डंपिंग ग्राउंड हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों के बाद बंद है। इससे नगर निगम के पास कचरा डालने या प्रोसेस करने के लिए कोई स्थान नहीं बचा है।नगर निगम के पास डेराबसी के पास स्थित गांव समगोली में लगभग 50 एकड़ जमीन है, जो डंपिंग ग्राउंड के लिए निर्धारित की गई है। लेकिन उसमें से 19 एकड़ जमीन कानूनी विवादों में फंसी हुई है और वहां तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। इस कारण प्रोजेक्ट ठप पड़ा हुआ है। अब एक प्रस्ताव तैयार किया गया है कि डेराबसी और जीरकपुर नगर परिषदों को यह अप्रोच रोड बनाने की जिम्मेदारी दी जाए। सूत्रों के अनुसार इस सड़क पर करीब 29 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जो बाद में मुआवजे के रूप में लौटाई जाएगी।

मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू ने कहा कि यह केवल सफाई नहीं, बल्कि शहर के स्वास्थ्य और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि हमने स्थानीय निकाय निदेशक कुलवंत सिंह और पीएमआइडीसी की सीईओ दीप्ति उप्पल से मुलाकात कर डंपिंग ग्राउंड की सुविधा जल्द उपलब्ध कराने की मांग की है। अगर देरी हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं। मेयर ने बताया कि यह प्रोजेक्ट मोहाली, डेराबस्सी, जीरकपुर, लालडू, बनूड़ और नया गांव नगर परिषदों को लाभ पहुंचाएगा, क्योंकि इन क्षेत्रों का कचरा वहीं प्रोसेस होना है।

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विधायक कुलवंत सिंह ने कहा कि मोहाली पंजाब का प्रवेश द्वार है और लोग कूड़े की समस्या से परेशान हैं। अप्रोच रोड का काम तुरंत शुरू होना चाहिए, क्योंकि छह नगर परिषदों का कचरा समगोली में प्रोसेस होना है। अब और देरी नहीं होनी चाहिए।

फिलहाल समगोली में बायोगैस और सीबीजी प्रोसेसिंग प्लांट का प्रस्ताव तैयार किया गया है, लेकिन मंजूरी का इंतजार है। निगम की बैठक में यह भी सामने आया कि निगम के पास केवल 15 करोड़ रुपये का फंड है, जबकि 40 करोड़ के टेंडर जारी हैं। यही वजह है कि यह जिम्मेदारी अब नगर परिषदों को सौंपने की योजना पर विचार चल रहा है।

 

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