Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पीयू के 867 मेधावी छात्रों को सात साल बाद आज मिलेंगे स्वर्ण पदक

देवेश मोदगिल के आग्रह पर राज्यपाल के हस्तक्षेप से निकला समाधान
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 10 जुलाई (हप्र)

Advertisement

पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के इतिहास में शुक्रवार का दिन एक ऐतिहासिक मोड़ लेकर आ रहा है। शुक्रवार के दिन विश्वविद्यालय के 867 मेधावी छात्रों, जिन्होंने वर्ष 2019 से अब तक अकादमिक क्षेत्र में स्वर्ण पदक अर्जित किए, को वर्षों की अनदेखी और प्रशासनिक देरी के बाद अब अंतत: शुक्रवार को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। यह उपलब्धि उन सभी छात्रों के लिए न्याय और आत्मसम्मान की पुनर्स्थापना है।

इस पूरी प्रक्रिया की नींव उस समय पड़ी जब पंजाब विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य एवं चंडीगढ़ के पूर्व मेयर देवेश मोदगिल ने छात्रों के साथ हो रहे इस अन्याय के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की। गत 21 जनवरी को उन्होंने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि 867 स्वर्ण पदकों को मंजूरी तो दी जा चुकी है, लेकिन उनका वितरण आज तक लंबित है।

इस ज्ञापन के बाद राज्यपाल के निर्देश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने गत 10 मई को स्वर्ण पदक वितरण समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया था। किंतु उस समय भारत-पाक तनाव की स्थिति को देखते हुए सुरक्षा कारणों से इस समारोह को स्थगित कर दिया गया था। स्थिति सामान्य होने के बावजूद पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा इस समारोह के लिए कोई नई तिथि घोषित नहीं की गई, जिससे छात्रों में गहरी निराशा और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई।

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए माेदगिल ने पुन: राज्यपाल को दूसरा पत्र लिखा और तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। राज्यपाल ने इस पत्र पर भी तत्परता से संज्ञान लिया और कुलपति एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि भविष्य में ऐसी किसी भी प्रकार की लापरवाही या विलंब पाया गया, तो जवाबदेह अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

देवेश मोदगिल ने राज्यपाल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह निर्णय केवल पदक वितरण का नहीं है, यह एक स्पष्ट संदेश है कि भविष्य में भी किसी भी छात्र का अधिकार छीना नहीं जाएगा।

Advertisement
×