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लद्दाख से हिमाचल होते हुए 75 वर्षीय डॉ किरण सेठ ट्राई सिटी के युवाओं में भारत की विरासत ,संस्कृति व प्रेरणा की जलाएंगे अलख

आज के युवाओं को रील से दूर शास्त्रीय संगीत , एकाग्रता , योग के जरिए सफलता है स्पिक मैके का उद्देश्य
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 2 सितंबर

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हाल ही 13,500 किलोमीटर सोलो साइकल यात्रा के दौरान भारतीय विरासत को पुनर्जीवित करने और सादा जीवन को बढ़ावा देने का संदेश फैलाने के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल चलाने के अभियान के तहत लदाख से हिमाचल होते हुए तीन दिवसीय चंडीगढ़ प्रवास पर पहुंचे डॉ किरण सेठ।

डॉ. सेठ यहां पंजाब इंजीनियरिंग कालेज, एस डी कालेज ,भवन विद्यालय , ऑक्सिप्स स्कूल व अन्य संस्थानों के युवा दिमागों के साथ बातचीत और अपने विचार साझा किए करेंगे कि कैसे कोई व्यक्ति अपने पसंदीदा संगीत को सुनकर ध्यान की कला में महारत हासिल कर सकता है। दूसरे, वह भारत की कलाओं में से एक योग के बारे में बात करेंगे, जिसने विदेशों में बहुत आकर्षण प्राप्त किया है, लेकिन साथ ही साथ अपने मूल देश में इसका महत्व कम हो गया है।

डॉ. सेठ का यह भी मानना ​​है कि युवा पीढ़ी को अपने देश की संस्कृति को संरक्षित करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है। डॉ किरण सेठ संग उनकी चंडीगढ़ ब्रांच की SPIC MACAY (सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग्स्ट यूथ), की टीम रहेगी , स्पिक मैके एक ऐसा संगठन है जिसका मिशन भारतीय विरासत को पुनर्जीवित करना और सादा जीवन को बढ़ावा देना है। ट्राइसिटी के सभी कार्यक्रमों की जिम्मेदारी स्पिक मैके की टीम की रहेगी । टीम का कहना था कि डॉ. सेठ की मेजबानी करके और उनकी अमूल्य अंतर्दृष्टि के लिए हमें जो विशेषाधिकार मिला है, उसे साझा करना हमारे लिए सम्मान की बात रहेगी।

डॉ किरण सेठ 3 सितंबर को सुबह ऐक्सिप्स स्कूल में कई स्कूलों के प्रिंसिपल संग मिलेंगे व दोपहर को एस डी कालेज में एक राउंड टेबल लीडरशिप मीटिंग में हिस्सा लेंगे । 4 सितंबर को भवन विद्यालय में लीडरशीप मीट का हिस्सा रहेंगे । यहाँ से वे पंजाब व उत्तर प्रदेश के कई संस्थानों में होते हुए २ अक्तूबर को दिल्ली पहुँच कर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि देंगे ।

एक मात्र उद्देश्य यही है कि युवाओं को प्रेरित करना कि विरासत को बचाइए और हर बालक तक पहुँचाइये , इसमें गर्व महसूस करिए !

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