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पीजीआई में 8 माह में किये गये 4800 ट्रांसप्लांट

चंडीगढ़, 9 सितंबर (ट्रिन्यू) पीजीआई चंडीगढ़ में इस वर्ष अगस्त महीने तक 4800 मरीजों की ट्रांसप्लांट सर्जरी की गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 2021 था। पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. विवेक लाल ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि...
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चंडीगढ़, 9 सितंबर (ट्रिन्यू)

पीजीआई चंडीगढ़ में इस वर्ष अगस्त महीने तक 4800 मरीजों की ट्रांसप्लांट सर्जरी की गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 2021 था। पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. विवेक लाल ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि तीन टीमें बनाने के कारण ही डॉक्टर ऐसा कर पाए। लाइव लिवर ट्रांसप्लांट भी पीजीआई में सफल रहा। पीजीआई में इस पर 14 से 15 लाख तक का खर्च आता है, जबकि निजी अस्पतालों में 50 लाख से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं। रीनल ट्रांसप्लांट का खर्च पीजीआई में डेढ़ लाख रुपये तक आता है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में 5 लाख से अधिक खर्च होते हैं। पीजीआई में 87 हजार से अधिक मरीजों को सर्जरी के लिए आयुष्मान के तहत कवर किया गया। उन्होंने बताया कि पीडियाट्रिक बोन मेरो ट्रांसप्लांट के लिए बेडों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पांच नये विभाग खोले जाएंगे। पीडियाट्रिक के 2 ओटी किए जाएंगे।

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ओपीडी बढ़ी, वेटिंग हुई कम

पीजीआई में पिछले वर्ष 30 लाख लोगों की ओपीडी की गई, जोकि एक रिकार्ड है। पीजीआई के डायरेक्टर ने बताया कि लाइव ट्रांसप्लांट की पहले 12 से 14 महीने की वेटिंग थी, जो अब घटकर 2 से 3 महीने रह गई है। पीजीआई ही ऐसा संस्थान है, जहां एमआरआई की भी ओपीडी होती है। पीजीआई में 520 बच्चों का बोन मेरो ट्रांसप्लांट किया जा चुका है। इसमें से 70 से 75 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। यहां पहले वेटिंग 6 से 8 महीने होती थी जो अब घटकर 2-3 महीने रह जाएगी।

ये रहे मौजूद : पत्रकारवार्ता में सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोरोलॉजी विभाग के प्रो. टी. डी. यादव, बाल रोग हेमेटोलॉजी और ऑन्कोलॉजी, बाल रोग विभाग की प्रोफेसर अमिता त्रेहन, क्लिनिकल हेमेटोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पंकज मल्होत्रा, ​​और प्रो. अलका खडवाल, डॉ. रोहित मानो, पीजीआई के उपनिदेशक प्रशासन कुमार धवन, प्रो.विपिन कौशल, चिकित्सा अधीक्षक, पीजीआईएमईआर, कुमार अभय वित्तीय सलाहकार, विभागों के प्रमुख और वरिष्ठ संकाय सदस्य मौजूद रहे।

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