पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की 46 फीसदी भागीदारी
भारत में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी एक ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई है। वर्तमान में देशभर में लगभग 14.5 लाख महिला प्रतिनिधि निर्वाचित हैं, जो सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों का करीब 46% हैं।
यह विश्व स्तर पर महिला भागीदारी के मामले में भारत को अग्रणी बनाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने यह जानकारी संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू के सवाल के जवाब में दी। उन्होंने बताया कि 21 राज्यों ने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण लागू किया है, जबकि संविधान के तहत 33% आरक्षण अनिवार्य है। संधू ने संसद में महिलाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठाया था और पूछा कि महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों को सशक्त करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि सरकार ने ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ शुरू किया है, जो महिला पंचों के नेतृत्व कौशल, निर्णय क्षमता और प्रशासनिक भूमिका को सशक्त करने के लिए प्रशिक्षण और कानूनी जागरूकता कार्यक्रम चलाता है। उन्होंने यह भी बताया कि आदर्श महिला-अनुकूल ग्राम पंचायत पहल के तहत प्रत्येक जिले में ऐसी पंचायतें विकसित की जा रही हैं, जो महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करें। सांसद सतनाम संधू ने महिला आरक्षण कानून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ऐतिहासिक और साहसिक
निर्णय बताया।