ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 नवंबर
बेटियों पर सख्ती या नरमी की बात तो बाद की है, पहले तो यह है कि अपनी परवरिश पर भरोसा करें। यह बात कलर्स टीवी के शो ‘नीमा डेंजोंग्पा’ की लीड अदाकारा सुरभि दास ने कही। सुरभि सोमवार को चंडीगढ़ में थीं। इस शो में वह एक मिडिल क्लास गृहिणी बनी हैं जिसकी तीन बेटियां हैं। काफी उतार-चढ़ावों वाला यह शो एक महिला की बहादुरी और चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने की प्रेरणा देता है।
मूलत: असम की रहने वाली सुरभि ने ‘दैनिक ट्रिब्यून’ से बातचीत करते हुए कहा कि लोग लड़कियों की ड्रेस पर तंज कसते हैं जो ठीक नहीं। लड़कियों की परवरिश भी उसी तरह से होनी चाहिए जैसे लड़कों की होती है। गलत बात पर डांटना भी जरूरी है और अच्छी बात पर प्रोत्साहन भी। नीमा और सुरभि में क्या समानताएं और क्या असमानताएं हैं, पूछने पर उन्होंने कहा, ‘समानता तो यही है कि नीमा की तरह मैं भी हार मानने वाली नहीं हूं, हां असल जीवन में मैं नीमा की तरह धीर-गंभीर नहीं हूं, चुलबुली हूं।’ चंडीगढ़ घूमने की इच्छा जताते हुए सुरभि ने कहा कि उन्होंने सुखना लेक और रॉक गार्डन के बारे में खूब सुना है, उन्हें देखकर ही मुंबई जाऊंगी।
असम में ही स्कूली शिक्षा पूरी करने वाली सुरभि को हिंदी बोलने में कभी दिक्कत नहीं हुई क्योंकि बचपन से ही वह हिंदी बोलती रही हैं। सुरभि से जब कहा गया कि आप कुछ-कुछ रानी मुखर्जी जैसी दिखती हैं तो वह हंसकर बोलीं, हां कई लोगों ने ऐसा कहा है। भूपेन हजारिका के गीतों को भी पसंद करने वाली सुरभि को आजकल के गायकों में अरिजीत और जुबिन नौटियाल की आवाज बहुत अच्छी लगती है।