चंडीगढ़, 17 मई (ट्रिन्यू)
एमसीएम डीएवी कॉलेज फॉर वीमेन की कौशल विकास समिति ने 7-दिवसीय कार्यशाला ‘बी ए हेल्थ मैनेजर 2021’ का आयोजन किया। कार्यशाला में भारत और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, स्विटजरलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस जैसे देशों में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखी गई। एमसीएम प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव, डॉ. नीरजा चावला चेयरपर्सन डिजिटल एजुकेशन कमेटी, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ की डॉक्टर आशिमा गोयल, डॉ. रेहान अशरफ, डॉ. पारुल चावला गुप्ता और डॉ. नैन्सी साहनी व एमसीएम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गुरविंदर कौर ने स्वास्थ्य और कल्याण के विभिन्न विषयों पर ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए डॉ. निशा भार्गव ने ‘हिंट्स फॉर होलिस्टिक वेलबीइंग’ शीर्षक से एक सूचनात्मक सत्र भी आयोजित किया ।
कार्यशाला के पहले दिन डॉ. पारुल चावला गुप्ता द्वारा ‘नेत्र देखभाल’ सत्र को समर्पित किया गया। अत्यधिक स्क्रीन एक्सपोजर सहित हमारी वर्तमान दिनचर्या के साथ डॉ पारुल ने इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित किया कि 60% लोग डिजिटल आई स्ट्रेन से पीड़ित हैं, जिसके लक्षणों में आंखों की थकान, सिरदर्द, खुजली और सूखी आंखें, दृष्टि का धुंधलापन शामिल हैं। उन्होंने 20-20-20 नियम सुझाया, जिसका अर्थ है कि स्क्रीन पर काम करते समय 20 सैकेंड का ब्रेक लेना चाहिए, हर 20 मिनट में 20 फीट दूर किसी चीज़ को देखना चाहिए। दूसरे दिन डॉ. नीरजा चावला ने ‘पीसीओएस : लक्षण और उपचार’ पर सत्र आयोजित किया। चौथे दिन डॉ. नैंसी साहनी ने ‘संतुलित आहार द्वारा उचित वजन बनाए रखने’ पर एक सत्र आयोजित किया। छठे दिन डॉ. गुरविंदर कौर ने ‘अंडरस्टैंडिंग फूड थ्रू ग्रोइंग इट: टुवर्ड्स होलिस्टिक हेल्थ’ विषय पर एक भाषण दिया।