चंडीगढ़, 22 अप्रैल (ट्रिन्यू)
शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत को बचाने के लिए सनातन धर्म का संरक्षण व संवर्धन जरूरी है। एक राष्ट्र के रूप में भारत का अस्तित्व ही सनातन धर्म के आधार पर टिका है। जब धर्म के आधार पर ही देश के विभाजन हुआ था तो उसी समय भारत को सनातन वैदिक हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था।
शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानन्द सरस्वती आज यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 23 अप्रैल को राष्ट्रीय संत समागम 2022 का भव्य आयोजन ट्राईसिटी में समाजसेवी परवीन कुमार द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
संत सम्मेलन में देश भर से संत समाज की बड़ी हस्तियां पधार रही हैं। जूना अखाड़ा के मनोनीत शंकराचार्य व कामाख्या मंदिर के पीठाधीश्वर पद पर आसीन उत्तर भारत के धर्म आदेश जगतगुरु पंचानंद गिरी महाराज ने बताया कि सम्मेलन में मुख्य तौर पर चारों धामों की सुरक्षा व्यवस्था सनातन धर्म के मंदिरों की आजादी यात्रा धर्म परिवर्तन धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में एक संविधान, हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने के मुद्दों पर चर्चा होगी।
बगलामुखी की मूर्ति होगी स्थापित
जगतगुरु पंचानंद गिरी ने बताया कि खरड़ के पास 23 अप्रैल को मां बगलामुखी धाम में मां बगलामुखी की मूर्ति स्थापना होगी व विशाल भंडारे का आयोजन होगा। इस अवसर पर चैरिटेबल अस्पताल की नींव रखी जाएगी। खरड़ से कुराली शहर तक के 15 किलोमीटर के एरिया में वेंटीलेटर युक्त एडवांस्ड एंबुलेंस की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।