चंडीगढ़, 19 दिसंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के सामाजिक बहिष्करण और समावेशी नीति अध्ययन केंद्र द्वारा ‘वंचित वर्गों के सन्दर्भ में प्रवास को समझना’ पर एक वेबिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. नरेन्दर कुमार, सहायक प्रोफेसर डीएवी कॉलेज अम्बाला शहर थे। स्वागत संबोधन में केंद्र के निदेशक प्रोफेसर अशोक कुमार ने वंचित वर्गों के मुद्दों पर आवश्यक ध्यान देने पर जोर दिया। डॉ. कंचन चंदन ने कहा कि उपेक्षित समुदाय का उत्थान नागरिकों एवं सरकार के सक्रिय सहयोग के बिना संभव नहीं है। मुख्य वक्ता डॉ नरेन्दर कुमार ने प्रवास/माइग्रेशन पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रवास के कारणों व इसके परिणामों के बारे में बताया। उन्होंने प्रवास के गुण और दोषों पर प्रकाश डाला और तर्कसंगत ढंग से बताया कि भारत कैसे सबसे ज्यादा प्रेषण अर्थात विदेशों से भेजे गये धन के मसले में अव्वल बना। कैसे लोग प्रवास करके अपनी बेरोजगारी की समस्या का निवारण कर रहे हैं और अनेक अवसरों को भुना रहे हैं। यही नहीं, प्रवास के कारण ब्रेन ड्रेन अर्थात देश से कुशाग्र बुद्धि व्यक्तियों का विदेश चले जाना, अवैध प्रवास के कारण ही आज विश्व में कई देशों व प्रान्तों में अति भीड़ की स्थिति बन गई हैं, प्रवास के दोषों के रूप में सामने है। डॉ नरेन्दर कुमार ने प्रवासियों की समस्याओं के निपटारे के लिए सकारात्मक नीति निर्माण को प्राथमिकता दी और कहा कि उनको अपने अधिकारों के प्रति सचेत किया जाना चाहिए।