चंडीगढ़, 20 जनवरी (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के यूजीसी-मानव संसाधन विकास केंद्र (एचआरडीसी) की ओर से शिक्षकों के लिए आयोजित एक सप्ताह का ऑनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम (एफडीपी) आज संपन्न हो गया। इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय ‘डिजिटल युग में प्रभावी संचार’ था। कार्यक्रम में 8 राज्यों के 21 विषयों के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर एचआरडीसी के मानद निदेशक प्रो. एसके तोमर ने कहा कि आज का युग बदलाव का युग है और इसमें हमें शिक्षा के क्षेत्र में भी नए प्रयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के साथ प्रभावी संवाद बनाने के लिए न सिर्फ डिजिटल माध्यमों का उपयोग जरूरी है बल्कि डिजिटल माध्यमों में शिक्षकों को दक्षता भी हासिल करनी चाहिए।
समापन सत्र की मुख्य वक्ता व शिक्षा विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर नंदिता सिंह ने ‘डिजिटल संचार, मल्टीटास्किंग और ध्यान’ विषय पर कहा कि डिजिटल युग में एकाग्रता बनाना बहुत बड़ी चुनौती है।
उन्होंने इस संदर्भ में योग और अध्यात्म की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम की समन्वयक व जन संचार अध्ययन स्कूल की सहायक प्रोफेसर डॉ. भवनीत भट्टी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ डिजिटल माध्यमों से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया बल्कि स्वास्थ्य, कानून, साहित्य आदि विषयों के विशेषज्ञों को भी विशेष रूप से बुलाया गया। इनमें बालेंदु शर्मा दाधीच (निदेशक माइक्रोसॉफ्ट), पूर्वा ग्रोवर (दुबई), डॉ. धनंजय चोपड़ा (इलाहाबाद), प्रो. अनुभूति यादव (आईआईएमसी), प्रो. संजीव भानावत (राजस्थान विश्वविद्यालय), विवेक अत्रे (पूर्व आईएएस), पीजीआई, चंडीगढ़ से डॉ. कपिल गोयल एवं डॉ. अखिलेश और पंजाब विश्वविद्यालय से प्रो. दीप्ति गुप्ता, डॉ. टीपी सिंह, प्रो. देवेंद्र सिंह शामिल थे।