चंडीगढ़, 7 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पीजीजीसीजी-42 महाविद्यालय चंडीगढ़ के पर्यावरण विभाग की “सृष्टि” इकाई द्वारा आज “राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह” के अवसर पर पर्यावरण और वन्य जीवन के पारस्परिक संबंधों पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें चंडीगढ़ के उद्यान विभाग में 35 साल सेवा देने वाले डॉ. हरजीत सिंह ढिल्लों बतौर विशिष्ट अतिथि वक्ता कहा कि पर्यावरण और ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए वन-सम्पदा के संरक्षण अति आवश्यक हो गया है। शुद्ध हवा और पानी के लिये न केवल मिट्टी बल्कि पर्यावरण को दूषित करने वाले सभी कारकों को नियंत्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का जलीय जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। डॉ. हरजीत ने विरासत के तौर पेड़ों की कुछ दुर्लभ तस्वीरें भी साझा कीं। प्राचार्य प्रो. निशा अग्रवाल ने कहा कि इको सिस्टम को संतुलन में रखने से हमें स्वच्छ हवा, साफ पानी और जीविका के लिए आवश्यक अन्य सभी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध होते हैं। डॉ. रंजना शर्मा गर्ग जो कि इस वेबिनार की संयोजिका भी रहीं, ने वेबिनार की शुरुआत की। सुनीता कुमारी विभागध्यक्ष, पर्यावरण शिक्षा ने औपचारिक रूप से मुख्य वक्ता डॉ. हरजीत सिंह ढिल्लों, डॉ. प्रीति शारदा (पुस्तकालयाध्यक्षा) का धन्यवाद ज्ञापित किया।