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PGGC-11 के 275 युवाओं ने सेवा को बनाया धर्म, "सारथी" की पहली वर्षगांठ पर मिला सम्मान

चंडीगढ़, 6 मई (ट्रिन्यू) पीजीजीसी-11 के 275 एनएसएस स्वयंसेवकों ने एक साल तक पीजीआईएमईआर में सेवा की मिसाल कायम की। रोगी देखभाल, स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों और सामाजिक कार्यों में इन युवाओं की भूमिका को मंगलवार को "सारथी" की पहली वर्षगांठ...
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चंडीगढ़, 6 मई (ट्रिन्यू)

पीजीजीसी-11 के 275 एनएसएस स्वयंसेवकों ने एक साल तक पीजीआईएमईआर में सेवा की मिसाल कायम की। रोगी देखभाल, स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों और सामाजिक कार्यों में इन युवाओं की भूमिका को मंगलवार को "सारथी" की पहली वर्षगांठ पर सम्मानित किया गया।

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"सारथी" मंच का उद्देश्य सेवा के एक नए दृष्टिकोण को प्रस्तुत करना है, जो एक साल में कई मरीजों की मदद और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। यह कार्यक्रम पीजीआईएमईआर में मरीजों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी फैलाने का भी काम करता है।

मानसी शर्मा का प्रेरणादायक संदेश

कार्यक्रम की सबसे प्रेरणादायक घटना तब आई जब एनएसएस स्वयंसेवक मानसी शर्मा ने कहा, "एनएसएस हमारे लिए सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि समाज बदलने का जरिया है।" उनके शब्दों ने समारोह में उपस्थित सभी लोगों को प्रभावित किया।

प्रिंसिपल प्रो. रमा अरोड़ा का बयान
कार्यक्रम के दौरान कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. रमा अरोड़ा ने कहा, "यह सम्मान केवल एक प्रमाणपत्र नहीं है, बल्कि समाज सेवा की भावना का उत्सव है।" उन्होंने यह भी कहा कि "मैं नहीं, आप" के आदर्श वाक्य को अपनाते हुए ये युवा समाज के सारथी बन गए हैं और इस प्रकार समाज सेवा में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है।

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