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2024 : चुनौतियों के बीच राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमका PGI

विवेक शर्मा/ट्रिन्यू चंडीगढ़, 29 दिसंबर वर्ष 2024 पीजीआई चंडीगढ़ के लिए नवाचार, उपलब्धियों और समाज सेवा में नयी पहचान स्थापित करने वाला रहा। देश की स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्र में स्थित इस संस्थान ने चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा...
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विवेक शर्मा/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 29 दिसंबर

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वर्ष 2024 पीजीआई चंडीगढ़ के लिए नवाचार, उपलब्धियों और समाज सेवा में नयी पहचान स्थापित करने वाला रहा। देश की स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्र में स्थित इस संस्थान ने चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा में उल्लेखनीय प्रगति की।

हालांकि, इस वर्ष संस्थान को चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। अक्तूबर 2024 में अनुबंधित कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि और एरियर की मांग को लेकर हड़ताल की, जिससे ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुईं और नए मरीजों का पंजीकरण अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। इन बाधाओं के बावजूद, पीजीआई चंडीगढ़ के समर्पित डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने मरीजों की देखभाल में कोई कमी नहीं आने दी। उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्थाओं के माध्यम से सुनिश्चित किया कि मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं मिलती रहें।

बदलाव व प्रगति का रहा यह वर्ष : प्रो. विवेक लाल

संस्थान के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि यह वर्ष हमारे लिए बदलाव और प्रगति का प्रतीक रहा। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को और मजबूत करते हुए, हमने स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्टता के नए मानदंड स्थापित किए। यह सफलता हमारे समर्पित कर्मियों और उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम है, जो हमें निरंतर बेहतर करने की प्रेरणा देती है।

अनुसंधान और नवाचार

*108 करोड़ रुपए का शोध अनुदान।

*18 पेटेंट, 9 स्वदेशी चिकित्सा उपकरण।

*727 शोध परियोजनाओं में सफलता।

सामाजिक पहल

*प्रधानमंत्री राहत कोष से 21.2 करोड़ रुपए का वितरण।

*सस्ती दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र और अमृत फार्मेसी।

*गरीब मरीज कल्याण कोष से 3.24 करोड़ रुपए वितरित।

*एनआईआरएफ में लगातार दूसरा स्थान।

*2023 में बेस्ट रोटो अवार्ड।

*कई प्रोफेसरों को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने शीर्ष वैज्ञानिकों में शामिल किया।

ओपीडी और आईपीडी सेवाओं में अग्रणी

ओपीडी सेवाएं : इस वर्ष 28 लाख से अधिक बाह्य रोगियों का इलाज कर संस्थान ने मरीजों की देखभाल में अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया।

आईपीडी सेवाएं : एक लाख से अधिक रोगियों को भर्ती किया गया, जो इसे देश के सबसे व्यस्त और प्रभावी अस्पतालों में से एक बनाता है।

आयुष्मान भारत योजना

*32,000 मरीजों का निःशुल्क इलाज।

*130 करोड़ रुपए का पैकेज देकर संघ शासित क्षेत्रों में शीर्ष स्थान।

*111 किडनी ट्रांसप्लांट्स के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड।

किडनी ट्रांसप्लांट में अग्रणी

*5,000 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट्स और प्रतीक्षा अवधि को 12 महीने से घटाकर 3 महीने किया गया। सिमलटेनियस पैंक्रियाज-किडनी ट्रांसप्लांट्स में 56 सफल प्रक्रियाएं।

डिजिटल स्वास्थ्य सेवा

टेलीमेडिसिन : 31 लाख टेली कंसल्टेशन पूरे।

*मरीजों को औसतन 972 रुपए यात्रा खर्च और 444 किमी दूरी की बचत।

*टेली-कंसल्टेशन क्षमता 200 से बढ़ाकर 400 प्रतिदिन।

‘प्रोजेक्ट सारथी’

400 एनएसएस छात्रों को मरीज सेवा में शामिल किया गया, जिससे प्रतीक्षा अवधि में कमी और सेवा में सुधार हुआ। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मॉडल की सराहना की।

बुनियादी ढांचा विकास

*एडवांस न्यूरोसाइंसेस और मदर एंड चाइल्ड सेंटर लगभग पूर्ण।

*उना और फिरोजपुर में सेटेलाइट सेंटर्स।

*150-बेडेड क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण।

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