Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

2.5 Crore Fraud Case : चंडीगढ़ की हाईप्रोफाइल डिजिटल ठगी में तेजी से जांच, 5 और आरोपी हिरासत में

अब तक 8 की हो चुकी है गिरफ्तारी, 2.5 करोड़ की ठगी का मामला
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 18 जून

Advertisement

चंडीगढ़ की हाईप्रोफाइल डिजिटल गिरफ्तारी साइबर ठगी मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। सेक्टर-10ए की निवासी सुमित कौर से 2.5 करोड़ रुपये ठगने वाले गिरोह के पांच और सदस्यों को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इस केस में अब तक कुल 8 आरोपी दबोचे जा चुके हैं। यह कार्रवाई एसपी साइबर क्राइम आईपीएस गीताांजली खंडेलवाल, डीएसपी ए. वेंकटेश और एसएचओ इंस्पेक्टर इराम रिजवी के नेतृत्व में की गई। पकड़े गए आरोपियों में मनीष जायसवाल (44), चित्रांश चौरसिया (32), प्रिंस सिंह (28), मोहम्मद अजीत उल्लाह (46) और जुब्बार अली (37) शामिल हैं।

कैसे दिया था ठगी को अंजाम

3 मई 2025 को पीड़िता सुमित कौर को TRAI अधिकारी बनकर फोन किया गया, फिर व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर खुद को CBI अफसर विजय खन्ना बताया गया। फर्जी गिरफ्तारी वारंट और सुप्रीम कोर्ट के जज के नाम लेकर डराया गया और कहा गया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल है। इसके बाद कथित 'सत्यापन' के नाम पर उन्हें ₹2.5 करोड़ अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया।

गिरफ्तारी कैसे हुई

जांच में पता चला कि मनीष जायसवाल के नाम से खोले गए एक बैंक खाते में ₹20 लाख ट्रांसफर किए गए थे। मनीष ने कबूल किया कि उसने कमीशन के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराया था। इसी कड़ी में पुलिस ने चित्रांश, प्रिंस, अजीत उल्लाह और जुब्बार अली को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सभी ने अपना जुर्म कबूल किया।

बरामदगी : - पुलिस ने आरोपियों से 10 मोबाइल फोन, 5 चेकबुक, 12 एटीएम कार्ड, 8 पासबुक, 1 लैपटॉप और 1 टैब बरामद किया है।

साइबर अपराध से बचाव के लिए चेतावनी : - कोई भी एजेंसी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाती। किसी अनजान लिंक या कॉल पर निजी जानकारी या पैसे साझा न करें। किसी को भी बैंक अकाउंट या सिम इस्तेमाल न करने दें। ठगी की सूचना तुरंत 1930 हेल्पलाइन या नजदीकी साइबर थाना को दें।

Advertisement
×