Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

15वां चंडीगढ़ राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला : कलाग्राम में सुदेश भोंसले ने बिखेरा सुरों का जादू

कलाग्राम में रविवार शाम एक संगीतमय उत्सव में तब बदल गई, जब 15वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले के मंच पर बॉलीवुड गायक सुदेश भोंसले ने सुरों का जादू बिखेरा। प्रांगण तालियों, वाहवाही और उठती धुनों से गूंज उठा और दर्शक...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
कलाग्राम में 15वें राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में सुरमयी प्रस्तुति देते गायक सुदेश भोंसले।
Advertisement

कलाग्राम में रविवार शाम एक संगीतमय उत्सव में तब बदल गई, जब 15वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले के मंच पर बॉलीवुड गायक सुदेश भोंसले ने सुरों का जादू बिखेरा। प्रांगण तालियों, वाहवाही और उठती धुनों से गूंज उठा और दर्शक पहली ही प्रस्तुति से थिरकने लगे।

सुदेश भोंसले ने जुम्मा चुम्मा दे दे, शावा शावा, सोहना सोहना और मेरी मखना मेरी सोनिए जैसे लोकप्रिय गीतों से ऐसा माहौल बनाया कि पूरा प्रांगण उत्साह से भर गया। उनकी ऊर्जावान प्रस्तुति ने हर उम्र के श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। इसके बाद उन्होंने दर्दे दिल दर्दे जिगर, मेरे मेहबूब कयामत होगी और सलामे इश्क मेरी जां जैसे गीतों से शाम को सुरों की गहराई और मधुरता से सजा दिया। दर्शकों की फरमाइश पर उन्होंने कई अन्य गीत भी प्रस्तुत किए।

Advertisement

आवाज की विविधता पर उन्होंने कहा कि एसडी बर्मन, रफी, किशोर, सहगल और एसबी बाला सुब्रह्मण्यम जैसे महान गायकों से आवाज का मेल होना उनके लिए ईश्वर की नेमत है। उन्होंने बताया कि अमिताभ बच्चन के संवादों की नकल दोस्तों के बीच मजाक में शुरू हुई, लेकिन धीरे-धीरे यह उनकी पहचान बन गई। जुम्मा चुम्मा दे दे की रिकॉर्डिंग के बाद अमिताभ बच्चन से मिली सराहना और वर्ल्ड टूर के अनुभव भी उन्होंने श्रोताओं के साथ साझा किए।

Advertisement

मेले के दिन के सत्र में पंजाब के सम्मी, हिमाचल के सिरमौर नाटी, जम्मू कश्मीर के धमाली, राजस्थान के चरी और चकरी, छत्तीसगढ़ के पंथी तथा महाराष्ट्र की लावणी की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को लोक संस्कृति की विविधता से रूबरू कराया। राजस्थान का भपंग वादन भी आकर्षण का केंद्र बना रहा। अपराह्न में पंडवानी, ढाडी, सूफी और लोक गायन की प्रस्तुतियों ने इतिहास और अध्यात्म की झलक प्रस्तुत की। शाम को बरसाना की होली, सोंगी मुखौटा, होजगिरी और नटुआ नृत्य ने कार्यक्रम को और जीवंत कर दिया। स्टालों पर शिल्पकारों के हस्त निर्मित उत्पाद खरीदने के लिए भारी भीड़ उमड़ती रही।

आज ये रहेगा खास

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान के अनुसार सोमवार की शाम लोक और बॉलीवुड गायक मामे खान अपनी प्रस्तुति देंगे, जो मेले की प्रमुख शामों में से एक होगी।

Advertisement
×