पंचकूला में उल्लास और गौरव के साथ मनाई गई ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ
n स्वतंत्रता सेनानियों में देश के लिए मर मिटने का जज्बा जगाया : ज्ञानचंद गुप्ता
मां भारती को समर्पित देशभक्ति और आध्यात्मिकता से ओतप्रोत राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय समारोह इंद्रधनुष ऑडिटोरियम, सेक्टर-5 में देशभक्ति के उल्लास के साथ मनाया गया। उपायुक्त सतपाल शर्मा और हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने परंपरागत दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पूर्व उन्होंने आडिटोरियम में लगाई गई ‘वंदे मातरम् -भारत के स्वतंत्रता संग्राम का आह्वान’ प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 7 नवंबर, 1875 को रचित राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ ने आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों में देश के लिए मर मिटने का जज़्बा पैदा किया और देशवासियों में देशप्रेम की भावना जागृत की। इस गीत ने स्वतंत्रता सेनानियों को आज़ादी की बलिवेदी पर अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए प्रेरित किया। गुप्ता ने याद दिलाया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘वंदे मातरम’ का उद्घोष अपराध माना जाता था, और जो लोग इसे गाते थे उन्हें जेल में डालने के साथ-साथ अनेक यातनाएं दी जाती थीं।

