आदित्य शर्मा
चंडीगढ़/पंचकूला, 27 फरवरी
यूक्रेन पर रूस के हमले में जान हथेली पर लिए ट्राईसिटी के करीब सो छात्र-छात्राये बंकरों में दिन रात भूखे-प्यासे वक्त गुजार रहे हैं। उनके पास सिर्फ 4 दिनों का खाना शेष बचा है। चंडीगढ़ में रह रहे अभिभावकों का वहां के ये हाल सुनकर रो रोकर बुरा हाल हो चुका है। पीजीआई में रह रहे फतेहदीप सिंह, उनकी पत्नी स्वर्णजीत कौर समेत परिवार में दादा की आंखे बेटी सुखमन कौर और बेटे कृपालजोत सिंह को देखने किये तरस गयी हैं। यही हाल हरचरन सिंह का भी है, जिन्हें बेटी इंदर प्रीत कौर की चिंता खाये जा रही है। फतेहदीप सिंह ने बताया कि बेटी से सुबह ही एसएमएस से बात हुई और फिर बंकरों में इंटेरनेट बंद हो गया, तभी से मन घबरा रहा है। ये जानकारी अभिभावकों ने दैनिक ट्रिब्यून के साथ साझा की। उन्होंने ने बताया कि पूर्वी यूक्रेन के खारकीव और कीव में उनके बच्चे मेट्रों स्टेशन के बंकर में बैठे हुए हैं। इनमें चिराग सैनी, शिवम, इंदरप्रीत कौर, सुखमन कौर, कृपालजोत सिंह, हरलीन, निधि, आयुष, नितिका मेहता, रवीना कौर, अपूर्वा सूद और रोबिन समेत सैकड़ों अन्य स्टूडेंट्स के मां-बाप को अब आखरी उम्मीद भारत के गृह मंत्री अमित शाह से है। अभिभावकों ने कहा कि वे जल्द ही दिल्ली जाकर अमित शाह से मिलेंगे और बच्चों को सही सलामत भारत लाने की मांग करेंगे। एक सप्ताह से यूक्रेन के हातल्लात खराब हो गए थे। तभी अचानक हमला होते ही सभी को मेट्रो ट्रेन के लिए बनाए अंडर वे को बंकर बनाये गए हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के पास कोई मदद नही पहुंच रही। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से जानकारी ली गयी है।