वोडाफोन-आइडिया की याचिका पर सुप्रीम सुनवाई 26 को
अतिरिक्त एजीआर मांग रद्द करने का मामला
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सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। याचिका में 2016-17 तक के लिए एजीआर मांगों को रद्द करने का आग्रह किया गया है। न्यायालय 26 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ दूरसंचार विभाग (डॉट) द्वारा वित्त वर्ष 2016-17 से संबंधित 5606 करोड़ रुपये की नयी मांग के खिलाफ वोडाफोन आइडिया की नयी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने कहा कि 2019 के एजीआर फैसले से बकाया राशि पहले ही तय हो चुकी है और इसे फिर से नहीं खोला जा सकता। पीठ ने दूरसंचार कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका पर विचार के लिए अगले शुक्रवार की तारीख तय की। मेहता ने याचिका पर स्थगन का अनुरोध करते हुए कहा कि कंपनी के साथ समाधान निकालने के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के पास वोडाफोन आइडिया में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिससे वह परिचालक की प्रत्यक्ष हितधारक बन जाती है। उन्होंने कहा, 'ऐसे में आपकी (न्यायालय) मंजूरी के अधीन कोई समाधान निकालना पड़ सकता है। अगर अगले सप्ताह सुनवाई की तारीख रखी जाए, तो हम कोई समाधान सोच सकते हैं।'
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