नयी दिल्ली, 3 नवंबर (एजेंसी) देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अक्तूबर में पिछले 10.5 साल में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ी हैं। एक मासिक सर्वे में बुधवार को कहा गया है कि अनुकूल मांग परिस्थितियों के बीच कारोबारी गतिविधियों में सुधार से सेवा क्षेत्र की गतिविधियां भी तेज हुई हैं। मौसमी चक्र के साथ समायोजित भारत का सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक अक्तूबर में बढ़कर 58.4 पर पहुंच गया। सितंबर में यह 55.2 पर था। सर्वे में शामिल कंपनियों के अनुसार, नए कारोबार में बढ़ोतरी से उत्पादन में पिछले एक दशक से भी ज्यादा में सबसे तेज वृद्धि हुई है। इसके चलते अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। हालांकि, मुद्रास्फीतिक चिंताओं के बीच कारोबारी भरोसा कमजोर बना हुआ है। लगातार तीसरे महीने सेवा क्षेत्र के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। 50 से ऊपर होने पर खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) विस्तार को दिखाता है, जबकि इससे नीचे रहने पर यह गिरावट को दर्शाता है। आईएचएस मार्किट में सहायक निदेशक-अर्थशास्त्र, पोलिएन्ना डि लीमा ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में पुनरुद्धार का यह लगातार तीसरा महीना रहा। कंपनियों की गतिविधियां 10.5 साल में सबसे तेजी से बढ़ी हैं। इससे रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा हुए हैं।’ लीमा ने कहा कि मूल्य के मोर्चे पर बात की जाए, तो उत्पादन की लागत में तेज बढ़ोतरी हुई है लेकिन कंपनियों ने अपना शुल्क भी पिछले करीब साढ़े साल में सबसे तेजी से बढ़ाया है। सर्वे में शामिल कंपनियों ने ईंधन की ऊंची कीमत, सामग्री, खुदरा, कर्मचारियों तथा परिवहन की ऊंची लागत का हवाला दिया है। उन्होंने कहा, ‘सेवा क्षेत्र की कंपनियों का मानना है कि मुद्रास्फीतिक दबाव से आगामी वर्ष में वृद्धि प्रभावित हो सकती है। कारोबारी भरोसा कमजोर बना हुआ है।’ सर्वे के अनुसार, सेवा क्षेत्र की कंपनियों ने अक्टूबर में अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की है। हालांकि, यह वृद्धि बहुत तेज नहीं है लेकिन सितंबर की तुलना में बढ़ी है। इसके अलावा फरवरी, 2020 से सेवा क्षेत्र में नियुक्तियां सबसे तेज रही हैं।