मुंबई, 1 नवंबर (एजेंसी) : इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी से सोमवार को शेयर बाजारों में रौनक लौटी और सेंसेक्स 832 अंक की छलांग के साथ एक बार फिर 60,000 अंक के स्तर के पार निकल गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 831.53 अंक या 1.40 प्रतिशत के लाभ के साथ 60,138.46 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 258 अंक या 1.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,929.65 अंक पर पहुंच गया। सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक का शेयर सबसे अधिक सात प्रतिशत से ज्यादा लाभ में रहा। भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा और डॉ. रेड्डीज में भी बढ़त रही। दूसरी ओर महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, नेस्ले इंडिया और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट आई। आनंद राठी के इक्विटी शोध (बुनियादी) प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘एशियाई बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच भारतीय बाजार लाभ के साथ खुले।’ उन्होंने बताया कि एक मासिक सर्वे में कहा गया है कि अक्टूबर में भारत की विनिर्माण गतिविधियों ने और रफ्तार पकड़ी है। इससे भी धारणा मजबूत हुई। राठी ने कहा कि इसके अलावा अक्टूबर में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.3 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह सालाना आधार पर 24 प्रतिशत की वृद्धि है। इससे भी निवेशकों की धारणा को बल मिला। अन्य एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी और जापान के निक्की में तेजी रही। चीन के शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट आई। दोपहर के कारोबार में यूरोपीय बाजार लाभ में थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 0.82 प्रतिशत की बढ़त के साथ 84.41 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।