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सेबी प्रमुख की अडाणी समूह से मिलीभगत !

अठारह माह बाद हिंडनबर्ग का एक और सनसनीखेज आरोप

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नयी दिल्ली, 10 अगस्त (एजेंसी)

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप के बाद सेबी प्रमुख पर हमला बोला है। हिंडनबर्ग ने सनसनीखेज आरोप लगाया है कि शेयर बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास अडाणी के पैसे की हेराफेरी में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। यही वजह है कि अडाणी ग्रुप के खिलाफ उन्होंने 18 महीने में भी कार्रवाई नहीं की है। वहीं, सेबी की ओर से इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आयी है।

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एक ब्लॉगपोस्ट में हिंडनबर्ग ने अडाणी पर अपनी पुरानी रिपोर्ट के 18 महीने बाद कहा, 'सेबी ने अडाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित नेटवर्क में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है।' व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए इसने कहा, 'सेबी की वर्तमान अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास अडाणी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।' कथित तौर पर विनोद अडाणी (गौतम अडाणी के बड़े भाई) द्वारा नियंत्रित ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड का इस्तेमाल राउंड-ट्रिप फंड और स्टॉक की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया है।

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पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर अपना राजस्व बढ़ाने और स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के लिए टैक्स हेवन में कंपनियों के जाल का उपयोग करके कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया था। समूह ने सभी आरोपों का जोरदार खंडन किया था, लेकिन रिपोर्ट के चलते उसके शेयरों में भारी गिरावट हुई थी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी से अपनी जांच पूरी करने और विनियामक खामियों की जांच के लिए एक अलग विशेषज्ञ पैनल गठित करने को कहा था। पैनल ने अडाणी पर कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दी और सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि सेबी द्वारा की जा रही जांच के अलावा किसी अन्य जांच की आवश्यकता नहीं है।

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