नयी दिल्ली, 20 मार्च (एजेंसी)
सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत करने पर काम कर रही है, ताकि लेनदेन के पूरे मूल्य पर कर लगाया जा सके। इस समय सिर्फ क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा दी जाने वाली सेवा पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।
जीएसटी अधिकारियों का विचार है कि क्रिप्टो किसी लॉटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं, जिनके पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘हम इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।’ एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है तो यह दर 0.1 से एक फीसदी के बीच हो सकती है। उन्होंने कहा कि पहले वर्गीकरण पर निर्णय को अंतिम रूप देना होगा और फिर दर पर चर्चा की जाएगी।’
जीएसटी कानून क्रिप्टोकरेंसी के वर्गीकरण के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताता है और ऐसी वर्चुअल डिजिटल मुद्राओं को विनियमित करने के लिए कानून के अभाव में वर्गीकरण करते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि कानूनी ढांचा इसे अनुयोज्य दावे के रूप में वर्गीकृत करता है या नहीं। अनुयोज्य एक ऐसा दावा है, जो न्यायालय में कार्रवाई के योग्य हो। आम बजट 2022-23 में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में कुछ स्पष्टता लाई गई है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए अलग से एक कानून पर काम कर रही है।