वाशिंगटन, 11 जून (एजेंसी) अमेरिका में मुद्रास्फीति मई महीने में 4 दशकों के रिकॉर्ड स्तर 8.6 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। गैस, खानपान और अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने से अमेरिका में महंगाई काफी बढ़ गई है। अमेरिकी श्रम विभाग की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई 2022 में उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत बढ़ गईं। इसके एक महीने पहले अप्रैल में उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 8.3 प्रतिशत बढ़ी थीं। माह-दर-माह आधार पर उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें अप्रैल की तुलना में मई में एक प्रतिशत बढ़ गईं। यह वृद्धि मार्च की तुलना में अप्रैल में हुई 0.3 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में काफी ज्यादा है। मुद्रास्फीति में इस तीव्र वृद्धि के लिए विमानों के टिकट से लेकर रेस्तरां के खाने तक के बिल जैसी हरेक उपभोक्ता वस्तुओं के दामों में हुई वृद्धि जिम्मेदार रही है। इसकी वजह से प्रमुख मुद्रास्फीति भी छह प्रतिशत के ऊपर जा पहुंची है। इसके पहले अप्रैल में भी प्रमुख मुद्रास्फीति में 0.6 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया था। अमेरिका पिछले कुछ महीनों से लगातार उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति से जूझ रहा है। खानपान एवं अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से एक अमेरिकी परिवार के लिए जीवन-निर्वाह काफी मुश्किल हो गया है। इसकी सबसे ज्यादा मार अश्वेत समुदाय एवं निम्न-आय वर्ग के लोगों को झेलनी पड़ रही है। मार्च 2022 में उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति 1982 के बाद पहली बार 8.5 प्रतिशत पर पहुंची थी। इस बढ़ी हुई मुद्रास्फीति ने अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व को भी ब्याज दर में बढ़ोतरी के लिए मजबूर किया है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों ने ऐसी संभावना जताई है कि आने वाले कुछ महीनों में अमेरिका में मुद्रास्फीति की तेजी पर लगाम लगेगी। लेकिन इसके बावजूद मुद्रास्फीति के साल के अंत में 7 प्रतिशत से नीचे आने की संभावना कम ही है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।