मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

अतिरिक्त एजीआर रद्द करने की वोडा-आइडिया की याचिका पर सुनवाई 27 तक टली

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) की याचिका पर सुनवाई 27 अक्तूबर तक के लिए टाल दी। इसमें कंपनी ने वर्ष 2016-17 तक के लिए अतिरिक्त समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की मांग को रद्द करने का...
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) की याचिका पर सुनवाई 27 अक्तूबर तक के लिए टाल दी। इसमें कंपनी ने वर्ष 2016-17 तक के लिए अतिरिक्त समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की मांग को रद्द करने का अनुरोध किया है। मुख्य न्यायाधीश बीआरगवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करने वाली थी। लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से अनुरोध किया कि यह मामला दिवाली के अवकाश के बाद लिया जाए। इस पर शीर्ष अदालत ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 27 अक्तूबर तय कर दी। मेहता ने कहा कि सरकार के पास वोडाफोन आइडिया में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, इसलिए कंपनी के अस्तित्व में बने रहने में सरकार भी प्रत्यक्ष हितधारक है। उन्होंने कहा कि इस मसले का समाधान निकालने की दिशा में प्रयास जारी हैं। वित्तीय संकट से जूझ रही वीआईएल ने दूरसंचार विभाग की तरफ से की गई 5,606 करोड़ रुपये की अतिरिक्त एजीआर मांग को चुनौती दी हुई है। इसके साथ ही दूरसंचार कंपनी ने विभाग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि वर्ष 2016-17 तक की सभी एजीआर देनदारियों का तीन फरवरी, 2020 के ‘कटौती सत्यापन दिशानिर्देशों' के तहत पुनर्मूल्यांकन और सामंजस्य किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में एजीआर मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला देते हुए दूरसंचार विभाग की देनदारी मांग को अंतिम माना था। सितंबर, 2020 में शीर्ष अदालत ने दूरसंचार कंपनियों को कुल 93,520 करोड़ रुपये की एजीआर देनदारी दस साल में चुकाने की अनुमति दी थी। हालांकि, वर्ष 2021 में नियमों में संशोधन कर गैर-दूरसंचार आय को एजीआर की गणना से बाहर कर दिया गया था जिससे कंपनियों पर वित्तीय बोझ कुछ हद तक कम हो गया।

Advertisement
Advertisement
Show comments