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चलन में मुद्रा की वृद्धि घटकर 3.7% पर

दो हजार नोट वापसी

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मुंबई, 25 फरवरी (एजेंसी)

भारतीय रिजर्व बैंक के 2,000 के बैंक नोट को चलन से हटाने का प्रभाव दिखने लगा है। आंकड़ों के अनुसार, नौ फरवरी को समाप्त सप्ताह में चलन में मुद्रा की वृद्धि एक साल पहले के 8.2 प्रतिशत से घटकर 3.7 प्रतिशत रह गई है। चलन में मुद्रा (सीआईसी) से तात्पर्य प्रचलन में मौजूद नोटों और सिक्कों से है। वहीं जनता के पास मौजूद मुद्रा से तात्पर्य बैंकों के पास जमा नकदी को घटाकर प्रचलन में मौजूदा नोटों और सिक्कों से होता है।

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आरबीआई के अनुसार, वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा में जनवरी में दो अंक में वृद्धि हुई है। इसकी वजह भी 2,000 के नोटों को हटाना है। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आरक्षित मुद्रा (आरएम) की वृद्धि नौ फरवरी, 2024 को घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई। आरएम में सीआईसी के अलावा आरबीआई के पास बैंकों की जमा राशि और केंद्रीय बैंक के पास अन्य जमा शामिल हैं। केंद्रीय बैंक ने 19 मई, 2023 को 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। 31 जनवरी तक, 2,000 रुपये के लगभग 97.5 प्रतिशत नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए थे, और केवल 8,897 करोड़ रुपये मूल्य के ऐसे नोट अब भी जनता के पास हैं। 19 मई, 2023 को कारोबार की समाप्ति पर चलन में 2,000 रुपये के बैंक नोटों का कुल मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपये था। ऐसे नोट रखने वाली जनता और इकाइयों को शुरू में 30 सितंबर, 2023 तक इन्हें बदलने या बैंक खातों में जमा करने के लिए कहा गया था। बाद में इस समयसीमा को सात अक्तूबर, 2023 तक बढ़ा दिया गया था। आठ अक्तूबर, 2023 से लोगों को आरबीआई के 19 कार्यालयों में मुद्रा बदलने या उनके बैंक खातों में उतनी ही राशि जमा करने का विकल्प प्रदान किया गया है। नवंबर, 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद 2,000 का नोट लाया गया था।

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