नयी दिल्ली, 28 फरवरी (एजेंसी)
देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही अक्तूबर-दिसंबर में 5.4 प्रतिशत रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 0.7 प्रतिशत थी। एनएसओ के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गयी थी। वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 6.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तुलनात्मक आधार कमजोर होने से अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 20.3 प्रतिशत रही थी। दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत थी। उल्लेखनीय है कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर अक्तूबर-दिसंबर, 2021 तिमाही में 4 प्रतिशत रही है।
राजकोषीय घाटा लक्ष्य का 58.9 प्रतिशत : केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जनवरी के अंत में वित्त वर्ष 2021-22 के वार्षिक बजट लक्ष्य का 58.9 प्रतिशत था। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह बात कही गयी है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा 2020-21 के संशोधित अनुमानों (आरई) का 66.8 प्रतिशत था। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 15.91 लाख करोड़ रुपये के संशोधित वार्षिक अनुमान के मुकाबले वास्तविक घाटा जनवरी, 2022 के अंत में 9,37,868 करोड़ रुपये था। सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच के अंतर को देश का राजकोषीय घाटा कहते हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान यह 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि पहले इसके 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान था। सरकार की कुल प्राप्तियां जनवरी के अंत में 18.71 लाख करोड़ रुपये रहीं, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान का 85.9 प्रतिशत है। यह संग्रह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में संशोधित अनुमान का लगभग 80 प्रतिशत था।