Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

विकसित देशों का बदला रुख, एफटीए वार्ताओं में अब गैर-व्यापार मुद्दों पर जोर नहीं

नयी दिल्ली, 6 अप्रैल (एजेंसी)विकसित देश भारत के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत को आगे बढ़ाने के संकेत दे रहे हैं और उनका स्थिरता एवं जलवायु दायित्वों जैसे गैर-व्यापार मुद्दों को शामिल करने पर अधिक जोर नहीं...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement
नयी दिल्ली, 6 अप्रैल (एजेंसी)विकसित देश भारत के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत को आगे बढ़ाने के संकेत दे रहे हैं और उनका स्थिरता एवं जलवायु दायित्वों जैसे गैर-व्यापार मुद्दों को शामिल करने पर अधिक जोर नहीं है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत के साथ संवाद के दौरान ये देश इस तरह के सुझाव दे रहे हैं कि पहले व्यापार शुरू करें, बाकी बाहरी मुद्दों पर बाद में विचार करेंगे।

इन देशों का मानना है कि मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता में व्यापारिक साझेदारों को सभी विकल्प खुले रखने चाहिए ताकि चीजें सुचारू रूप से आगे बढ़ सकें। एक सूत्र ने कहा कि स्थिरता और जलवायु जैसे मुद्दों पर दबाव डालने वाले देशों ने भी अब इस बारे में चुप्पी साध ली है।

Advertisement

भारत ने हमेशा कहा है कि टिकाऊ जलवायु, श्रम और पर्यावरण जैसे मुद्दों को व्यापार समझौतों में समाहित करने के बजाय अलग-अलग मंचों या अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाना चाहिए। श्रम मानकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और पर्यावरण संबंधी मुद्दों के लिए जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र मसौदा समझौता मौजूद है।

यूरोपीय संघ और ब्रिटेन भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौतों में ऐसे मुद्दों को शामिल करने पर जोर देते रहे हैं। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लिएन ने इस साल के अंत तक एक महत्वाकांक्षी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने पर सहमति जताई थी। ऐसे समझौतों में, दो व्यापारिक साझेदार अपने बीच व्यापार की जाने वाली अधिकतम वस्तुओं पर आयात शुल्क को काफी कम करने या पूरी तरह खत्म करने के लिए बातचीत करते हैं।

Advertisement
×