नयी दिल्ली, 31 मार्च (एजेंसी)
सरकार ने वैश्विक स्तर पर ईंधन के दाम में आई तेजी के बीच प्राकृतिक गैस का दाम एक अप्रैल से बढ़ाकर दोगुना से अधिक कर दिया है। इस गैस का उपयोग उर्वरक संयंत्रों, सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी) बनाने में किया जाता है। पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार नियमित फील्ड से उत्पादित गैस की कीमत रिकॉर्ड 6.10 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट की गयी है। जबकि अभी यह दर 2.90 डॉलर प्रति यूनिट है।
इन क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी का बसईं फील्ड शामिल है जो देश के सबसे बड़ा गैस क्षेत्र है। नई कीमत एक अप्रैल से छह महीने की अवधि के लिये है। इस वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ सकते हैं। एलपीजी की दरें भी हाल ही में 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ायी गयी हैं। गैस के दाम में ताजा वृद्धि से ईंधन की महंगाई दर बढ़ेगी। भारतीय गैस उत्पादकों को मिलने वाली यह कीमत अब तक की सबसे अधिक है। सरकार हर छह महीने पर…एक अप्रैल और एक अक्तूबर…को दरें निर्धारित करती है। यह निर्धारण अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष गैस वाले देशों में जारी सालाना औसत कीमतों के आधार पर होता है। उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार गैस के दाम में वृद्धि से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और पीएनजी की दरें 10 से 15 प्रतिशत बढ़ सकती हैं।