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Tulsi Plant Vastu : तुलसी के आस-पास की ये 5 गलतियां बन सकती हैं दुर्भाग्य का कारण

जाने-अनजाने तुलसी के पास की गई ये गलतियां दुर्भाग्य और नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकती है
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Tulsi Plant Vastu : भारतीय संस्कृति में तुलसी का पौधा पूजनीय है। इसे केवल एक पौधा नहीं बल्कि देवी का स्वरूप माना गया है। तुलसी के पौधे की पूजा करना और इसके पास दीप जलाना शुभ माना जाता है। परंतु कई बार लोग अनजाने में तुलसी के आस-पास कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो दुर्भाग्य और नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन जाती है।

तुलसी के पास झूठ बोलना

तुलसी का पौधा एक पवित्र स्थल के समान होता है। इसके पास बैठकर झूठ बोलना, गाली-गलौज करना या दूसरों की निंदा करना अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और दुर्भाग्य घर में प्रवेश करता है।

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तुलसी के पास जूठे बर्तन रखना

तुलसी का पौधा जहां रखा जाता है, वह स्थान शुद्ध और स्वच्छ होना चाहिए। वहां पर जूठे बर्तन, झाड़ू या गंदगी रखना अशुभ माना जाता है। ऐसी माना जाता है कि गंदगी से देवी तुलसी का अपमान माना जाता है और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है।

तुलसी में कभी भी न दें ये फूल या जल

तुलसी को जल देते समय ध्यान रखें कि वह शुद्ध जल हो। अगर आप तुलसी में जल अर्पित कर रहे हैं, तो उसमें गंदगी, साबुन, या किसी के जूठे हाथ का स्पर्श नहीं होना चाहिए। इसके अलावा तुलसी को बेलपत्र, दूर्वा या कोई भी कांटेदार फूल अर्पित नहीं करने चाहिए।

अशुद्ध हाथों से ना छुएं पौधा

तुलसी के पौधे को शराब या नॉनवेज खाने के बाद छूने की मनाही होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान तुलसी को हाथ नहीं लगाना चाहिए।

तुलसी पर शाम के बाद पानी न चढ़ाएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी माता का पूजन सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही किया जाता है। सूर्यास्त के बाद तुलसी में पानी चढ़ाना वर्जित है। ऐसा करना अशुभ फल देता है। शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद तुलसी विश्राम करती हैं, ऐसे में उन्हें जल अर्पित करना उनके अपमान के समान होता है।

तुलसी के पौधे को कभी न रखें घर के अंदर

वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा हमेशा घर के बाहर या बालकनी में पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। दरअसल, अगर तुलसी का पौधा ठीक से धूप और वायु नहीं मिलेगी तो वह सूख जाएगा, जोकि अशुभ संकेत माना जाता है।

तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियमों की अनदेखी

शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के पत्ते बिना स्नान किए, या अशुद्ध अवस्था में नहीं तोड़ने चाहिए। रविवार, एकादशी, और संध्या काल में तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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