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Travelling In India : ना कोर्ट, ना वकील... यहां हनुमान जी लगाते हैं भूतों की कचहरी, बेहद चमत्कारी है बालाजी मंदिर

Travelling In India : ना कोर्ट, ना वकील... यहां हनुमान जी लगाते हैं भूतों की कचहरी, बेहद चमत्कारी है बालाजी मंदिर
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चंडीगढ़, 27 मई (ट्रिन्यू)

Travelling In India : राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था व चमत्कार का संगम है। हालांकि श्रद्धालु यहां भगवान के दर्शन करने के लिए नहीं बल्कि भूत बाधा से मुक्ति पाने के लिए हाजरी लगाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में भूत-प्रेत आत्माओं से छुटकारा दिलाया जाता है।

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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां 'प्रेतों की कचहरी' लगती है। यह स्थान भूत-प्रेत और बुरी शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए प्रसिद्ध है। हनुमान जी के इस चमत्कारी मंदिर में प्रतिदिन हजारों लोग मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शांति की तलाश में आते हैं। खासकर वे लोग जिन्हें किसी प्रकार की ऊपरी बाधा, तांत्रिक असर या अज्ञात डर सताता है।

स्वयंभू है बालाजी की मूर्ति

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमान जी को 'बालाजी' के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां हनुमान जी की मूर्ति स्वयंभू (स्वतः प्रकट) मानी जाती है, जो पत्थर से बनी हुई नहीं है बल्कि पहाड़ की चट्टानों से निकली हुई दिखाई देती है। मंदिर में मुख्य रूप से तीन देवताओं की पूजा होती है- बालाजी (हनुमान), प्रेतराज सरकार और भैरो बाबा।

लगती है 'प्रेतों की कचहरी'

यहां हर मंगलवार और शनिवार को विशेष भीड़ देखी जाती है। मान्यता है कि इन दिनों मंदिर परिसर में 'प्रेतों की कचहरी' लगती है। पीड़ित व्यक्ति को बालाजी के समक्ष लाया जाता है, जहां उसे विशेष आरती, दवा जल और 'पकड़ाई पूजा' जैसी प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। बहुत बार लोग अजीब व्यवहार करते हुए देखे जाते हैं- जैसे चिल्लाना, जमीन पर गिरना, हंसना-रोना, इत्यादि।

इसे भूत-प्रेत या तांत्रिक असर की निशानी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बालाजी की कृपा से यह सब धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि भूत-प्रेत को भगाने के लिए यहां पीड़ित को जंजीरों से बांधकर पीटा जाता है। यहां तक की कुछ लोगों के ऊपर गर्म पानी भी डाला जाता है, ताकि बुरी शक्तियां निकल जाए।

इस मंदिर में है रुकने की मनाही

बता दें कि मंदिर में आने वाले लोगों को पूजा के बाद जाते हुए पीछे मुड़कर देखने की मनाही होती है। साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं को लौटते समय दान, भोजन आदि देने की भी मनाही होती है।

मंदिर के महत्वपूर्ण नियम

मंदिर परिसर में फोटो-वीडियो लेने की सख्त मनाही है। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा यहां के अधिकृत पुजारियों को ही झाड़-फूंक आदि करने की इजाजत होती है।

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