Panchang 20 September 2025: अकाल मृत्यु वाले पितरों का चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध आज, अमावस्या कल
Chaturdashi Tithi Shraddha: आज चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध है, जबकि कल यानी रविवार को अमावस्या तिथि का श्राद्ध होगा। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को विशेष महत्व है।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार चतुर्दशी तिथि के दिन का श्राद्ध उन पितरों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु अकाल या असमय हुई हो। शास्त्रों में कहा गया है कि दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या या शस्त्राघात जैसी अप्राकृतिक मृत्यु वाले पितरों का श्राद्ध चतुर्दशी को ही करना चाहिए। इस श्राद्ध को घट चतुर्दशी, घायल चतुर्दशी और चौदस श्राद्ध भी कहा जाता है।
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शास्त्री के मुताबिक चतुर्दशी तिथि शनिवार को पड़ रही है, शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। श्रद्धालु शनिवार को व्रत रखकर पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते हैं। चतुर्दशी श्राद्ध से पितर प्रसन्न होकर परिवार को सुख, समृद्धि, यश और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं।
गरुड़ पुराण और धर्मशास्त्रों में उल्लेख है कि असमय मृत्यु वाले पितर प्रायः प्रेत योनि में भटकते रहते हैं। ऐसे पितरों की आत्मा को शांति और गति प्रदान करने के लिए इस तिथि पर विधिवत श्राद्ध अनिवार्य माना गया है। मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने से प्रेतबाधा समाप्त होती है तथा पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Panchang 20 September 2025:
राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 29
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास अश्विन, कृष्ण पक्ष
तिथि चतुर्दशी
वार शनिवार
सौर मास आश्विन मास प्रविष्टे 05
अंग्रेजी तारीख 20 सितम्बर 2025 ई॰
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल
ऋतु शरद ऋतु
राहुकाल प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक
चतुर्दशी तिथि अर्धरात्रोत्तर 12:17 तक, उपरांत अमावस्या आरंभ
नक्षत्र मघा प्रातः 06:08 तक, उपरांत पूर्वाफाल्गुनी
योग साध्य रात्रि 08:06 तक, उपरांत शुभ
करण विष्टि पूर्वाह्न 11:54 तक, उपरांत चतुष्पाद
विजय मुहूर्त दोपहर 02:16 से 03:05 तक
निशीथ काल रात्रि 11:51 से 12:38 तक
गोधूलि बेला सायं 06:20 से 06:44 तक
चन्द्र राशि सिंह
श्राद्ध जल, विष, अग्नि व अपघात से मृतकों का तथा चतुर्दशी श्राद्ध
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