सर सीवी रमन एक प्रख्यात भारतीय भौतिक विज्ञानी थे। उन्हें प्रकाश के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार भी दिया गया। एक बार की बात है सीवी रमन ने अपने विभाग में एक वैज्ञानिक रखने के लिए कई वैज्ञानिकों के इंटरव्यू लिये। इंटरव्यू संपन्न होने के बाद डॉ. रमन अपने ऑफिस से घर के लिए निकले तो उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति बाहर लॉन में टहल रहा है। डॉ़ रमन ने उससे पूछा-तुम इंटरव्यू में रिजेक्ट हो चुके हो, फिर यहां क्या कर रहे हो? उस वैज्ञानिक ने जवाब दिया-इंटरव्यू में आने-जाने के जो भत्ते के पैसे मुझे मिलने चाहिए थे,क्लर्क ने गलती से मुझे अधिक पैसे दे दिए हैं। वही वापस करने के लिए मैं रुका हूं। क्लर्क कहीं गए हैं। उनके आने की प्रतीक्षा है। डॉ. रमन उस व्यक्ति को लेकर वापस अपने ऑफिस गए और उसे नियुक्ति पत्र देते हुए कहा, ‘भौतिकी के ज्ञान की कमी को तो मैं पढ़ाकर दूर कर दूंगा परंतु एक ईमानदार चरित्र का निर्माण मैं कैसे करूंगा? तुम्हारी सबसे बड़ी योग्यता तुम्हारा ईमानदार चरित्र का होना है।’
प्रस्तुति : मधुसूदन शर्मा