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Solar Eclipse 2025: साल का आखिरी सूर्यग्रहण आज, जानें क्या रहेगा इसका असर और कहां दिखेगा Live

Solar Eclipse 2025: आज (21 सितंबर 2025) वर्ष का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसकी शुरुआत भारतीय समयानुसार रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी और समापन 22 सितंबर को...
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Solar Eclipse 2025: आज (21 सितंबर 2025) वर्ष का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसकी शुरुआत भारतीय समयानुसार रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी और समापन 22 सितंबर को तड़के 3 बजकर 32 मिनट पर होगा। ग्रहण की कुल अवधि लगभग साढ़े चार घंटे रहेगी, जबकि इसका पीक टाइम रात 1 बजकर 11 मिनट पर होगा।

हालांकि, यह ग्रहण रात में लगने के कारण भारत में कहीं से भी दिखाई नहीं देगा। पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक रात को सूर्यग्रहण होने के कारण भारत में इसका सूतक काल लागू नहीं होगा। ग्रहण का अद्भुत दृश्य मुख्य रूप से अंटार्कटिका, दक्षिणी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से देखा जा सकेगा।

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ग्रहण की ज्योतिषीय स्थिति

पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में घटित होगा। इस दौरान सूर्य के साथ चंद्रमा और बुध भी कन्या राशि में रहेंगे, जिससे बुधादित्य योग बन रहा है। ग्रहण के समय अन्य ग्रहों की स्थिति भी खास रहेगी। शनि मीन राशि में, गुरु मिथुन में, मंगल तुला में, शुक्र और केतु सिंह में तथा राहु कुंभ राशि में स्थित रहेंगे। यह संयोग ग्रहण के प्रभावों को और खास बनाता है।

क्यों लगता है सूर्य ग्रहण?

खगोल विज्ञान के अनुसार, जब चंद्रमा अपनी परिक्रमा के दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तो कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती। इस दौरान चंद्रमा की छाया धरती पर पड़ती है, जिसे सूर्यग्रहण कहते हैं।

धार्मिक दृष्टि से महत्व

हिंदू धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान देवी-देवता कष्ट में रहते हैं और वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। इसलिए ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान, दान और गंगाजल का छिड़काव करने की परंपरा है। घर और पूजा स्थल की शुद्धि कर देवी-देवताओं की पूजा करने से ग्रहण दोष का असर कम होता है। हालांकि भारत में ग्रहण का प्रभाव नहीं है, लेकिन फिर भी इस दौरान बचाव के उपाय किए जा सकते हैं। जैसे ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ग्रहण के समय भोजन न करें, पानी में तुलसी के पत्ते डालकर रखें। ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान और गरीबों को दान करें।

घर के हर हिस्से में गंगाजल का छिड़काव करें।

किन राशियों को लाभ?

शास्त्री के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का कुछ राशियों पर विशेष लाभकारी प्रभाव पड़ेगा। वृषभ राशि के लिए आर्थिक लाभ, निवेश से फायदा और सामाजिक संबंध मजबूत होंगे। मकर राशि के जातकों का साहस बढ़ेगा, भाई-बहनों से संबंध सुधरेंगे और व्यावसायिक उन्नति के अवसर मिलेंगे। कुंभ राशि वाले जातों को अप्रत्याशित धन लाभ होगा, पारिवारिक विवाद सुलझेंगे और आर्थिक स्थिरता आएगी।

पितृपक्ष के साथ ग्रहण का संयोग

इस साल का यह आखिरी सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के दिन है। उल्लेखनीय है कि 7 सितंबर को पितृपक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से हुई थी और आज सूर्य ग्रहण के साथ इसका समापन हो रहा है। इस वजह से इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व और भी बढ़ जाता है।

कहां देखें लाइव

भारत में यह ग्रहण प्रत्यक्ष नहीं दिखाई देगा, लेकिन इच्छुक लोग इसे नासा (NASA), Timeanddate.com पर लाइव देख सकते हैं।

डिस्कलेमर: इस लेख में लेख आस्था संबंधी जानकारी धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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