Skand Shashthi 2025: स्कंद षष्ठी आज, संतान सुख, समृद्धि, मानसिक शांति के लिए करें ये काम
Skand Shashthi 2025: आज स्कंद षष्ठी है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के तेजस्वी पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। दक्षिण भारत में उन्हें स्कंद, मुरुगन और सुवर्णकुमार के रूप में पूजा जाता है। हर माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत रखा जाता है, किंतु मार्गशीर्ष मास की षष्ठी विशेष रूप से “चंपा षष्ठी” के नाम से अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में यह पर्व बहुत श्रद्धा, आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाता है। उत्तर भारत में भी इसकी मान्यता बढ़ रही है।
मान्यता है कि इस दिन किए गए व्रत, पूजा और मंत्र-जाप से संतान सुख, समृद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। भगवान कार्तिकेय की कृपा से भय, नकारात्मकता, रोग-दोष और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
व्रत में प्रातः स्नान, संकल्प, भगवान कार्तिकेय या खंडोबा की पूजा, घी दीपक जलाना और मंत्र-जाप किया जाता है। यह व्रत मन को शुद्ध कर साधक को धन-वैभव, यश और सुख-संपन्नता प्रदान करता है।
Panchang 26 November 2025: राष्ट्रीय मिति मार्गशीर्ष 05
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
पक्ष शुक्ल पक्ष
तिथि षष्ठी — रात्रि 12:02 तक, उसके बाद सप्तमी आरंभ
मास (चंद्र) मार्गशीर्ष
मास (सौर) मार्गशीर्ष प्रविष्टे — 11
वार बुधवार
अंग्रेज़ी तारीख 26 नवम्बर 2025
सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त
योग वृद्धि — दोपहर 12:42 तक, फिर ध्रुव योग आरंभ
करण कौलव — पूर्वाह्न 11:34 तक, फिर गर करण आरंभ
राहुकाल 12:00 बजे दोपहर से 1:30 बजे दोपहर तक
विजय मुहूर्त 1:54 PM से 2:36 PM
निशीथ काल 11:42 PM से 12:36 AM
गोधूलि बेला 5:22 PM से 5:49 PM
चंद्रमा मकर राशि में संचार
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
