Panchang 14 September 2025: आज अष्टमी तिथि का श्राद्ध, पढ़ें आज के प्रमुख योग एवं मुहूर्त
Shraadh 2025: आज अष्टमी तिथि का श्राद्ध है। श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों को प्रसन्न करने से है। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार जो परिजन अपना देह त्यागकर चले गए हैं, उनकी आत्मा की शांति तर्पण किया जाता है, उसे श्राद्ध कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मृत्यु के देवता यमराज पितृ पक्ष में जीव को मुक्त कर देते हैं, ताकि वे स्वजनों के यहां जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें।
शास्त्री के अनुसार श्राद्ध यानी ‘श्रद्धया दीयते यत् तत् श्राद्धम्।’ ‘श्राद्ध’ का अर्थ है श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए। पितरों के लिए श्रद्धापूर्वक किए गए दान (तिल, कुश,जल के दान) का नाम ही श्राद्ध है। श्राद्ध से व्यक्ति केवल अपने स्वजनों को ही नहीं,बल्कि ब्रह्मा से लेकर तृणपर्यन्त सभी प्राणियों व जगत को तृप्त करता है। पितरों की पूजा को साक्षात् विष्णुपूजा ही माना गया है।
Panchang 14 September 2025: राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 23
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास आश्विन, कृष्ण पक्ष
तिथि सप्तमी (क्षय)
वार रविवार
सौर मास भाद्रपद मास प्रविष्टे 30
अंग्रेज़ी तिथि 14 सितम्बर 2025
सूर्य स्थिति दक्षिणायन
गोल उत्तर गोल
ऋतु शरद ऋतु
राहुकाल सायं 04:30 बजे से 06:00 बजे तक
अष्टमी तिथि अर्धरात्रोत्तर 03:06 बजे तक
नवमी तिथि का आरंभ 03:06 बजे के बाद
नक्षत्र रोहिणी प्रातः 08:39 बजे तक, उपरांत मृगशिरा
योग वज्र 07:35 बजे तक, उपरांत सिद्धि योग
करण बालव 04:03 बजे तक, उपरांत तैतिल करण
विजय मुहूर्त दोपहर 02:20 से 03:09 बजे तक
निशीथ काल रात 11:53 से 12:40 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 06:27 से 06:51 बजे तक
चन्द्रमा 08:03 रात्रि तक उच्च राशि, उपरांत मिथुन राशि
विशेष अष्टमी का श्राद्ध
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।