मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

द्वितीय-ब्रह्मचािरणी

नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी मां का पूजन किया जाता है। यहां ब्रह्म शब्द का रूप तपस्या है। अर्थात तप का आचरण करने वाली। पूर्व जन्म में हिमालय की पुत्री के रूप में इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप में...
Advertisement

नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी मां का पूजन किया जाता है। यहां ब्रह्म शब्द का रूप तपस्या है। अर्थात तप का आचरण करने वाली। पूर्व जन्म में हिमालय की पुत्री के रूप में इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए एक हज़ार साल कठिन तपस्या की। भक्तगण उनकी भक्ति करते हुए इस श्लोक को पढ़ते हैं-

‘दधानां करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।

Advertisement

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।’

Advertisement