Pauranik Kathayen : माता पार्वती के श्राप से खारा हुआ था समुद्र का जल, आप भी नहीं जानते होंगे ये कथा
चंडीगढ़, 20 फरवरी (ट्रिन्यू)
हर किसी ने कभी न कभी सुना होगा कि भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शय्या पर विराजमान रहते हैं। क्षीर का अर्थ होता है दूध। ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि कहीं पुराण में गलत तो नहीं लिखा, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, जब महाराजा पृथु के पुत्रों ने सात समुद्रों का निर्माण किया तो वह दूध से भरा हुआ था, लेकिन देवी पार्वती के श्राप के कारण दूध पानी में बदल गया।
पहले समुद्र में बहता था दूध
अगर आपके मन में भी यह विचार आया है, तो हम बताना चाहते हैं कि पुराण में जो लिखा है, वह सत्य है। पौराणिक काल में समुद्र, जिसे क्षीरसागर कहा जाता है, खारे पानी की जगह दूध से भरा था। इसी क्षीरसागर के मंथन से कामधेनु, माता लक्ष्मी, अप्सराएं और अमृत कलश प्राप्त हुए थे, लेकिन समुद्र के खारे पानी के पीछे यही कारण नहीं है।
माता पार्वती की सुंदरता पर मोहित हो गए थे समुद्रदेव
कथा के अनुसार, देवी पार्वती की सुंदरता देख समुद्रदेव उन पर मोहित हो गए और उन्होंने भगवान भोलेनाथ का अपमान किया। इतना ही नहीं, जब भगवान शिव और अन्य देवताओं ने उन्हें इस कृत्य के लिए क्षमा कर दिया तो उसका साहस और बढ़ गया।
देवी पार्वती के सामने रखा विवाह प्रस्ताव
समुद्रदेव सीधे देवी पार्वती के पास पहुंचे और विवाह करने का प्रस्ताव रखा। देवी पार्वती ने यह कहते हुए उनके अनुरोध को ठुकरा दिया कि उन्होंने अपने मन में भगवान शिव को अपना पति मान लिया है, इसलिए वे किसी अन्य से विवाह नहीं कर सकतीं।
क्रोध में भोलेनाथ को कहे अपशब्द
यह सुन समुद्रदेव के क्रोध की सीमा नहीं रही और भगवान शिव के बारे में बुरी बातें कह दीं। उस अघोरी से विवाह करके तुम्हें कैलाश पर भूत पिशाचों के बीच रहना पड़ेगा। अभी भी समय है, तुम अपना निर्णय बदल लो और मुझसे विवाह कर लो। मेरे महल में रानी की तरह मेरे साथ रहो। मेरे समुद्र दूध और मीठे जल से भरे हैं, इसलिए मैं तुम्हारा पति बनने का अधिकारी हूं।
माता पार्वती ने दिया श्राप
माता पार्वती भोलेनाथ का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकी। समुद्रदेव के कठोर वचनों से आहत होकर देवी पार्वती ने उसे श्राप दे दिया कि जिस मीठे जल और दूध पर तुम्हें अभिमान है, वह खारा हो जाएगा। तब से समुद्र का पानी खारा हो गया।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।