Pauranik Kathayen : 2 साल तक लंकापति की कैद में रही माता सीता, फिर भी उन्हें क्यों नहीं छू पाया रावण?
चंडीगढ़, 16 फरवरी (ट्रिन्यू)
Pauranik Kathayen : रामायण के लगभग हर पहलू से सनातनी लोग वाकिफ है। हर कोई जानता है कि कैसे भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण को वनवास जाना पड़ा। उस दौरान रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया।
इसके बाद भगवान राम ने वानरी सेना के साथ लंका पर आक्रमण किया और रावण का वध करके माता सीता को उनकी कैद से आजाद करवाया। हालांकि, सीता माता ने कैद के बावजूद अपना सम्मान बनाए रखा।
2 साल तक रावण की कैद में रही माता सीता
इस दौरान अपहरण करने के बाद रावण ने माता सीता को पंचवटी के पास से अपनी कैद में रखा। हालांकि वह माता सीता को छू भी नहीं पाया। पौराणिक कथाओं में वर्णन है कि माता सीता ने अपनी सुरक्षा कवच के रूप में घास के एक पत्ते का इस्तेमाल किया। इतनी शक्ति और ज्ञान के बावजूद रावण घास के एक पत्ते से इतना क्यों डरता था।
माता सीता को क्यों नहीं छू पाया रावण
कहा जाता है कि भगवान राम के प्रति माता सीता का समर्पण इतना था कि लंका के राजा रावण द्वारा जबरन अपहरण कर लंका ले जाने के बाद भी वे एक पल के लिए अपने प्रभु से अलग नहीं हो सकीं। माता सीता को लुभाने और उनसे विवाह करने के लिए मनाने की लाख कोशिशों के बावजूद रावण कभी उनके करीब नहीं आ सका। लंका का शक्तिशाली राजा होने के बावजूद रावण माता जानकी को छू नहीं सका।
तपस्वी महिला ने दिया था श्राप
इसके अलावा वाल्मीकि रामायण के अनुसार, जब भी रावण माता सीता के पास जाता तो वह अपने हाथ में घास का एक तिनका लेकर उसे दूर रहने की चेतावनी देती। यह देखकर रावण डर जाता। रावण के इस डर के पीछे एक बहुत बड़ा कारण था। रावण को पहले एक समर्पित, तपस्वी महिला ने श्राप दिया था कि वह कभी भी किसी भी महिला को उसकी सहमति के बिना नहीं छू पाएगा।
इसलिए माता सीता के पास जाने से डरता था रावण
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार रावण ने एक सुंदर तपस्वी के स्त्रीत्व का हनन किया। उसने श्राप दिया कि अब से वह किसी भी महिला को उसकी अनुमति के बिना नहीं छू पाएगा। अगर वह उसके पास जाने की कोशिश करेगा, तो वह जलकर राख हो जाएगा।
तपस्वी ने यह भी कहा कि आज के बाद, अगर कोई महिला रावण के सामने घास का तिनका उठाएगी, तो वह तिनका तुरंत रावण को भस्म कर देगा। यही कारण है कि रावण जब भी माता सीता के हाथ में घास का तिनका देखता तो उनके पास जाने की हिम्मत नहीं करता था।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।