मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

Pauranik Kahaniyan : पांडवों की पुत्री, कृष्ण की बहू... कौन थी द्रौपदी की इकलौती बेटी, कहीं नहीं मिलता जिसका जिक्र

Pauranik Kahaniyan : पांडवों की पुत्री, कृष्ण की बहू... कौन थी द्रौपदी की इकलौती बेटी, कहीं नहीं मिलता जिसका जिक्र
Advertisement

चंडीगढ़, 29 अप्रैल (ट्रिन्यू)

द्रौपदी महाभारत की एक प्रमुख व प्रभावशाली पात्र हैं। वह पांच पांडवों की पत्नी और द्रुपद राजा की पुत्री थीं, इसलिए उन्हें "पांचाली" भी कहा जाता है। उनका जन्म एक यज्ञ की अग्नि से हुआ था। इस कारण उन्हें "याज्ञसेनी" के नाम से भी जाना जाता है। हर कोई जानता है कि द्रौपदी के पांच पुत्र थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी एक पुत्री भी थी। उसका विवाह श्रीकृष्ण के पुत्र से हुआ था।

Advertisement

महाभारत में कई ऐसे पात्र हैं, जिनके चरित्र का जिक्र महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत में नहीं मिलता। मगर, लोककथाओं में महाभारत के कई पात्रों के बारे में बताया गया है, जिनमें से एक दौपद्री की पुत्री सुथनु भी है।

सुथनु कौन थी?

राजा द्रुपद की बेटी द्रौपदी का विवाह पांचों पांडवों से हुआ था। वह धृष्टद्युम्न की जुड़वां बहन थीं। महाभारत के अनुसार, हर पांडव से द्रौपदी को एक बेटा हुआ। पौराणिक कथाओं में जब कभी द्रौपदी की संतान की बात होती है, तो पांचों उपपांडव - प्रतिविंध्य (युधिष्ठिर का पुत्र), श्रुतकीर्ति (भीम का), श्रुतसौम्य (अर्जुन का), शतानीक (नकुल का) और शृतेसेन (सहदेव का) - का ही उल्लेख मिलता है।

क्यों रखा छिपाकर?

सुथनु का उल्लेख मुख्य महाभारत ग्रंथ में नहीं मिलता। हालांकि कुछ पुराणों और लोक परंपराओं में उसे युधिष्ठिर और द्रौपदी की पुत्री बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि राजसिंहासन की लड़ाई और कौरवों द्वारा अपमान के बाद द्रौपदी को अपनी पुत्री की चिंता सताने लगी। उन्होंने सुथनु को अपनी एक पुत्री के पास छोड़ दिया और उसे हमेशा रहस्य बनाकर रखा।

श्रीकृष्ण के पुत्र से हुआ था विवाह

सुथनु का उल्लेख कुछ बाद की ग्रंथों, जनश्रुतियों और क्षेत्रीय लोककथाओं में होता है। लोक कथाओं के अनुसार, द्रौपदी और युधिष्ठिर की पुत्री सुथनु का विवाह युद्ध के बाद श्रीकृष्ण और सत्यभामा के पुत्र भानू से हुआ था। भानू का विवाह सुथनु से होने के कारण श्रीकृष्ण द्रौपदी व युधिष्ठिर के समधी बन गए।

दूसरी ओर द्रौपदी श्रीकृष्ण की सखी भी थी लेकिन पुत्री के विवाह के बाद उनका रिश्ता बदल गया। हालांकि महर्षी वेदव्‍यास की महाभारत में द्रौपदी की पुत्री का कोई उल्लेख नहीं है। इसका एक कारण यह भी बताया जाता है कि द्रौपदी ने वेद व्यास से वचन लिया था कि वह उनकी पुत्री की पहचान को कभी उजागर नहीं करेंगे।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsDharma AasthaDharma GranthDraupadiHindi NewsHindu DharmHindu MythologyHindu ReligionHindu Religiouslatest newsMahabharatMahabharat FactsPauranik KahaniyanPauranik KathaPauranik Kathayenदैनिक ट्रिब्यून न्यूजपौराणिक कथाहिंदी समाचार