Panchang 23 August 2025: शनैश्चरी अमावस्या आज, जानें क्या करने से मिलेगा शुभ फल
Shanaishchari Amavasya: आज भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि है। यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है। मान्यता है कि शनिदेव का जन्म शनिवार के दिन अमावस्या तिथि पर हुआ था। इसी कारण जब अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व विशेष होता है।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार अमावस्या तिथि पितरों के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन पितरों की शांति और आशीर्वाद के लिए तर्पण, श्राद्ध और दान करना श्रेष्ठ माना गया है। इसके साथ ही नदियों में स्नान कर पवित्रता प्राप्त की जाती है। जब यह तिथि शनिवार को पड़ती है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि शनिदेव सभी को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं और दुखों को दूर करने वाले माने जाते हैं।
शनैश्चरी अमावस्या पर शनिदेव की पूजा और आराधना से जीवन के संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने की परंपरा है। माना जाता है कि ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
Panchang 23 August 2025: राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 01
शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
मास भाद्रपद, कृष्ण पक्ष
तिथि अमावस्या (शनिवार)
सौर मास प्रविष्टि भाद्रपद 08
अंग्रेज़ी तिथि 23 अगस्त 2025
सूर्य स्थिति दक्षिणायण, उत्तर गोल
ऋतु शरद ऋतु
राहुकाल प्रातः 09:00 से 10:30 तक
अमावस्या तिथि पूर्वाह्न 11:37 तक
प्रतिपदा तिथि 11:37 बजे से प्रारंभ
नक्षत्र मघा 12:55 AM तक, उपरांत पूर्वाफाल्गुनी प्रारंभ
योग परिधि 01:20 PM तक, उपरांत शिव योग
करण नाग 11:37 AM तक, उपरांत बव करण
विजय मुहूर्त 02:33 PM से 03:25 PM
निशीथ काल 12:02 AM से 12:46 AM
गोधूलि बेला 06:52 PM से 07:14 PM
चंद्र स्थिति सिंह राशि में संचार
विशेष तिथि भाद्रपद अमावस्या (शनैश्चरी अमावस्या)
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।