Panchang 2 August 2025: ये हैं भगवान शनि के प्रमुख मंत्र जो अशुभ प्रभावों को करते हैं शांत
Shani Mantra: शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मों का फल देने वाला माना जाता है। शनि के अशुभ प्रभावों को शांत करने और उनकी कृपा पाने के लिए विभिन्न मंत्रों का जप किया जाता है। इनमें शनि बीज मंत्र (ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः) विशेष प्रभावशाली होता है, जो साढ़ेसाती और ढैया में उपयोगी माना जाता है।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार शनि महामंत्र (ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रम् यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम) शनि के दोषों को कम कर जीवन में शुभता लाता है। शनि गायत्री मंत्र (ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्) शनि की कृपा, सुरक्षा और मार्गदर्शन हेतु जपा जाता है। पौराणिक मंत्र (ॐ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः) स्तुति और आराधना में उपयोगी है, जबकि वैदिक मंत्र (ॐ शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः) वैदिक परंपरा से जुड़कर शनि को प्रसन्न करने के लिए है। वहीं, सरल शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” किसी भी समय आसानी से जपने योग्य है। इन मंत्रों का नियमित जाप श्रद्धा से करने पर शनि की कृपा प्राप्त होती है, दुर्भाग्य टलता है और जीवन में सुख, सफलता और मानसिक शांति का संचार होता है।
Panchang 2 August 2025: राष्ट्रीय तिथि श्रावण 11
शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
वार शनिवार
तिथि अष्टमी (07:24 AM तक), उपरांत नवमी
नक्षत्र विशाखा (सूर्योदय से अगले दिन 06:35 AM तक), फिर अनुराधा
योग शुक्ल (सूर्योदय से अगले दिन 06:24 AM तक), फिर ब्रह्म
करण बव (07:24 AM तक), फिर कौलव
सौर मास श्रावण मास प्रविष्टे 18
अंग्रेजी तिथि 02 अगस्त 2025 ई॰
सूर्य दक्षिणायण, उत्तर गोल
ऋतु वर्षा ऋतु
राहुकाल प्रातः 09:00 से 10:30 तक
विजय मुहूर्त दोपहर 2:42 से 3:36 तक
निशिथ काल रात्रि 12:06 से 12:49 तक
गोधूलि बेला शाम 7:11 से 7:32 तक
चन्द्र राशि तुला (11:53 PM तक), फिर वृश्चिक
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।